सिर्फ 30 सेकेंड में मर जाएगा कोरोना का जानलेवा वायरस!  माउथवॉश में दिखी वैज्ञानिकों को नई उम्मीद

वैज्ञानकों के एक परीक्षण में ऐसा पाया गया है कि कोरोना के वायरस का खात्मा माउथवॉश में हो सकता है। इसको लेकर अभी परीक्षण चल रहा है जिसके अगला साल तक नतीजे आने की उम्मीद है।

New Research on Corona Virus
कोरोना वायरस पर रिसर्च।  
मुख्य बातें
  • 30 सेकंड में माउथवाश से ये वायरस मरता है कोरोना का वायरस!
  • वैज्ञानिकों ने अपने एक परीक्षण में किया दावा
  • अगले साल तक इसके नतीजे आने की उम्मीद

लंदन: शोधकर्ताओं ने एक बार फिर दावा किया है कि माउथवॉश इस्तेमाल करने से कोरोनावायरस मर जाता है। प्रयोगशाला में शोध के दौरान पाया गया कि 30 सेकंड में माउथवाश से ये वायरस मरता है। ब्रिटेन में कार्डिफ विश्वविद्यालय के अध्ययन से पता चला है कि कुछ माउथवॉश लार (सलाइवा) में कोरोनावायरस को मारने में मदद कर सकते हैं। ये अध्ययन अभी प्रकाशित नहीं किया गया है।

बीबीसी के अनुसार, हालांकि शोध से पता चलता है कि माउथवॉश के उपयोग से लार में वायरस को मारने में मदद तो मिल सकती है, लेकिन ऐसा कोई सबूत नहीं है कि इसे कोरोनोवायरस के उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। ये भी नहीं कह सकते कि वायरस श्वसन तंत्र या फेफड़ों तक नहीं पहुंचेगा। शोध कर रहे लेखकों ने कहा, "इन व्रिटो सार्स-कोव-2 को निष्क्रिय करने के लिए माउथवॉश की क्षमता का परीक्षण किया गया, जो संक्रामकता में कमी का पता लगाने के लिए सभी प्रोटोकॉल का उपयोग करके किया गया।"

माउथवॉश से कोरोना से लड़ने की क्षमता

माउथवॉश का परीक्षण प्रयोगशाला में उन परिस्थितियों में किया गया जो मुंह या नाक जैसी परखनली के डिजाइन की थी।शोधकर्ताओं ने बताया कि माउथवॉश में कम से कम 0.07 प्रतिशत सेटाइपैराडिनियम क्लोराइड है, जिसमें वायरस मारने की क्षमता के संकेत दिखते हैं। इस शोध के प्रमुख लेखक रिचर्ड स्टैनटन ने बीबीसी के हवाले से बताया, "इस अध्ययन से पता चलता है कि गम रोग से लड़ने के लिए कई सामान्य रूप से उपलब्ध माउथवॉश भी सार्स-कोव-2 कोरोनावायरस (और अन्य संबंधित वायरस) को निष्क्रिय कर सकते हैं।"

नतीजे अगले साल तक आ सकते हैं 

रिसर्च टीम के अनुसार, क्लिनिकल ट्रायल में यह देखा जाएगा कि क्या यह कार्डिफ के अस्पताल में कोविड-19 रोगियों की लार में वायरस के स्तर को कम करने में मदद करता है या नहीं, जिसके परिणाम अगले साल की शुरुआत में आने की उम्मीद है। शोधकर्ता डेविड थॉमस ने कहा कि शुरुआती परिणाम उत्साहजनक थे, लेकिन नैदानिक परीक्षण इस बात का सबूत नहीं देगा कि मरीजों के बीच संचरण को कैसे रोका जाए।

माउथवॉश प्रयोगशाला में  कारगर

ये माउथवॉश प्रयोगशाला में वायरस को बहुत प्रभावी ढंग से मिटाते हैं, ये तो साफ है, लेकिन ये देखना बाकी है कि ये माउथवॉश रोगियों पर भी काम करेंगे या नहीं। अक्टूबर में जर्नल ऑफ मेडिकल वायरोलॉजी में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में यह भी पता चला है कि कुछ ओरल एंटीसेप्टिक्स और माउथवॉश में कोरोनावायरस को निष्क्रिय करने की क्षमता हो सकती है।
 
 
 

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