चौंकिए नहीं! यह 'पंजाब राफेल' है, जो हवाई यात्रा नहीं कर सकते, वह बैठकर पूरा करेंगे अपने अरमान, Video

इस वाहन का निर्माण बठिंडा के रामा मंडी में हुआ है। इसके निर्माण में तीन लाख रुपए की लागत आई है। इस वाहन का रंग नीला है। यह वाहन लोगों में उत्सुकता का विषय बना हुआ है।

 Architect Builds Jet-Shaped Vehicle 'Punjab Rafale'
चौंकिए नहीं! यह 'पंजाब राफेल' है।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • पंजाब के बठिंडा में एक ऑर्किटेक्ट ने राफेल की तरह दिखने वाला वाहन बनाया है
  • वाहन का नाम 'पंंजाब राफेल' दिया गया है, 15-20 किलोमीटर प्रतिघंटे है रफ्तार
  • ऑर्किटेक्ट का कहना है कि इसमें बैठकर विमान में बैठने का अरमान पूरा किया जा सकता है

नई दिल्ली : पंजाब के बठिंडा में एक ऑर्किटेक्स ने जेट के आकार वाला एक वाहन का निर्माण किया है। लड़ाकू विमान की तरह दिखने वाले इस वाहन को 'पंजाब राफेल' नाम दिया गया है। यह वाहन प्रति घंटे 15 से 20 किलोमीटर की रफ्तार से दूरी तय कर सकता है। इस वाहन का निर्माण बठिंडा के रामा मंडी में हुआ है। इसके निर्माण में तीन लाख रुपए की लागत आई है। इस वाहन का रंग नीला है और इसके बॉनेट पर 'राम पाल एयरलाइन' और मोबाइल नंबर लिखा है। यह वाहन लोगों में उत्सुकता का विषय बना हुआ है।

वाहन में लगे हैं व्यू मिरर और विंडशील्ड 
इस वाहन में छत नहीं है और इसकी दोनों तरफ व्यू मिरर और विंडशील्ड लगे हैं। वाहन के पिछले हिस्से में काले रंग से स्टार अंकित किया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से जारी वीडियो में इस वाहन को चलाते एक व्यक्ति को देखा जा सकता है। इस वाहन पर कुछ बच्चे भी बैठे हैं।

चालक जब धीमी गति से वाहन चलाकर आगे बढ़ता है तो आस-पास के लोग इसे उत्सुकता से देखते हैं। इस वाहन का निर्माण करने वाले ऑर्किटेक्ट रामपाल बेहनीवाल ने कहा, 'जो लोग हवाई जहाज में यात्रा नहीं कर सकते, वे इसमें बैठकर अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।'

फ्रांस से भारत आना शुरू हुए हैं राफेल 
उन्होंने कहा, 'मैंने इसका नाम 'पंजाब राफेल' दिया है।' बता दें कि भारत ने अत्याधुनिक एवं 4.5 पीढ़ी के लड़ाकू विमान राफेल के लिए फ्रांस के साथ समझौता किया। फ्रांस से पहली खेप में आए पांच राफेल विमानों को गत 10 सतिंबर को वायु सेना में शामिल किया गया। अप्रैल 2022 तक भारत को फ्रांस से सभी 36 राफेल मिल जाएंगे। राफेल के आ जाने से वायु सेना की ताकत काफी बढ़ गई है। इस तरह का लड़ाकू विमान चीन और पाकिस्तान के पास भी नहीं है।   

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