नि:संतान किसान दंपति ने बछड़े को लिया गोद, 'बेटे' के मुंडन में शामिल हुए 500 मेहमान

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Updated Dec 17, 2020 | 22:22 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

बरेली में एक नि:संतान किसान दंपति ने बछड़े को गोद लिया और उसके लिए मुंडन समारोह का आयोजन भी किया, जिसमें 500 से अधिक मेहमानों को आमंत्रित किया गया।

नि:संतान किसान दंपति ने बछड़े को लिया गोद, 'बेटे' के मुंडन में शामिल हुए 500 मेहमान
नि:संतान किसान दंपति ने बछड़े को लिया गोद, 'बेटे' के मुंडन में शामिल हुए 500 मेहमान  |  तस्वीर साभार: Representative Image

बरेली : जब हम गाय को मां मान सकते हैं तो बछड़े को बच्‍चा क्‍यों नहीं? यही सवाल आया था बरेली के किसान दंपति के मन में और उन्‍होंने बछड़े को गोद लेने का फैसला किया। फिर उसे अपना 'बेटा' बना लिया और धूमधाम से मुंडन भी कराया, जिसमें करीब 500 मेहमान शामिल हुए। 

यह अनूठा कदम उठाने वाले किसान दंपति बरेली के रहने वाले विजयपाल और राजेश्वरी देवी हैं, जिन्‍हें शादी के 15 साल बाद भी औलाद नहीं हुई। ऐसे में उन्‍होंने उस बछड़े को गोद लेने का फैसला किया, जिसकी मां को विजयपाल के पिता इस घर में लेकर आए थे। विजयपाल के माता-पिता अब नहीं हैं और उनकी दो छोटी बहनों की भी शादी हो चुकी है। शाहजहांपुर स्थित अपने घर में वह अकेलापन महसूस कर रहे थे।

मुंडन के लिए 500 लोगों को आमंत्रण

'टाइम्‍स ऑफ इंडिया' के अनुसार, जिस गाय को विजयपाल के पिता लेकर घर आए थे, उसके निधन के बाद बछड़ा अकेला रह गया था। इसके बाद दंपति ने उसे बेटे की तरह गोद ले लिया, क्‍योंकि वह भी अपनी मां के निधन के बाद उसी तरह अकेला रह गया था, जैसे विजयपाल अपने माता-पिता के निधन के बाद अकेले रह गए थे। विजयपाल के मुताबिक, 'जब हम गाय को मां की तरह स्‍वीकार कर सकते हैं तो बछड़े को बेटा क्‍यों नहीं बना सकते?'

विजयपाल ने ऐसा ही किया और इस बछड़े को गोद लेकर इसे अपना बेटा बना लिया। उन्‍होंने 'बेटे' का नाम ललटू बाबा रखा और उसके मुंडन का समारोह भी किया। उसे 'मुंडन' के लिए गोमती नदी के तट पर स्थित लालटू घाट पर ले जाया गया, जहां पुजारी ने बछड़े और उसके 'माता-पिता' को आशीर्वाद दिया। इस समारोह में 500 से अधिक मेहमानों को आमंत्रित किया गया था। गांवभर से लोग बुधवार को आयोजित इस मुंडन समारोाह में उपहार लेकर पहुंचे थे, जहां उनके लिए भोज का आयोजन भी किया गया।

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