आश्चर्य: माता की मूर्ति है एक लेकिन मंदिर बनाए गए हैं दो, पीछे का रहस्य जानकर रह जाएंगे हैरान

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आदित्य साहू
Updated Aug 24, 2022 | 06:00 IST

Bheemeshvari Devi Mandir Secret:  झज्जर जिले के बेरी में स्थित इस मंदिर का सबसे बड़ा रहस्य यह है कि इसमें मूर्ति तो एक ही है, लेकिन माता का भवन दो है।

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माता भीमेश्‍वरी देवी मंदिर  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • हरियाणा के झज्जर जिले के बेरी में स्थित है मंदिर
  • मूर्ति तो एक ही है मगर मंदिर बनाए गए हैं दो
  • महाभारत काल के समय में हुआ था मंदिर का निर्माण

Bheemeshvari Devi Mandir Secret: हमारे देश में कई ऐसे मंदिर हैं, जिनमें छिपा रहस्य आज भी सुलझ नहीं पाया है। हरियाणा के झज्जर जिले में एक ऐसा ही मंदिर है। इसका नाम 'श्री माता भीमेश्‍वरी देवी' मंदिर है। मंदिर का निर्माण महाभारत काल के समय में माना जाता है। झज्जर जिले के बेरी में स्थित इस मंदिर का सबसे बड़ा रहस्य यह है कि इसमें मूर्ति तो एक ही है, लेकिन माता का भवन दो है।

भीम ने की मूर्ति की स्थापना

माना जाता है कि इस मूर्ति की स्थापना पांडु पुत्र भीम ने की थी। महाभारत के युद्ध से पहले कृष्ण भगवान ने भीम को कुल देवी का आशीर्वाद लेने के लिए भेजा था। उन दिनों कुल देवी हिंगलाज पर्वत पर विराजमान थीं। आज हिंगलाज पर्वत पाकिस्तान में है। इसके बाद जब भीम भगवान कृष्ण का आदेश लेकर कुल देवी का आशीर्वाद लेने पहुंचे और उन्होंने देवी को साथ चलने के लिए कहा।

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हालांकि, भीम के सामने कुल देवी ने एक बड़ी शर्त रख दी। कुल देवी ने भीम से कहा, 'तुम्हें मुझे गोद में लेकर चलना पड़ेगा। इसके बाद ही मैं तुम्हारे साथ चलूंगी। साथ ही कुल देवी ने यह भी कहा कि एक बार अगर तुम मुझे उतार दोगे तो मैं वहीं पर हमेशा-हमेशा के लिए विराजमान हो जाऊंगी।' इसके बाद भीम ने कुल देवी की बात स्वीकार कर ली और देवी को साथ लेकर निकल पड़े।

इस वजह से बना दो मंदिर

माना जाता है कि बेरी कस्बे से गुजरते समय भीम को लघुशंका लगी। इसकी वजह से भीम को कुल देवी को अपनी गोद से उतारना पड़ा। जब भीम ने कुल देवी को फिर से साथ चलने को कहा तो उन्होंने ऐसा करने से इंकार कर दिया। इसके बाद भीम ने बेरी के बाहर ही पूजा-अर्चना के बाद मां की स्थापना कर दी। इसके बाद से ही मां को भीमेश्वरी देवी के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि मां भीमेश्वरी देवी रात में अंदर विश्राम करती हैं। वहीं दिन में भक्तों को दर्शन देने के लिए बाहर के मंदिर में आती है। इस कारण दो मंदिर बनाए गए हैं।

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