ना फेरे और ना ही मंत्र का उच्चारण, संविधान की शपथ लेकर संपन्न हुई ये अनोखी शादी, दिलचस्प है कारण

Weird Marriage: ओडिशा के गंजम जिले में एक ऐसी शादी हुई है, जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है। इस शादी में पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन नहीं किया गया है। बल्कि, संविधान की शपथ लेकर दूल्हा-दुल्हन शादी के बंधन में बंध गए।

 Couple Takes Oath on Indian Constitution During Wedding instead of pheras in Odisha
अनोखी शादी, (Pic- istock) 
मुख्य बातें
  • ओडिशा के गंजम में हुई अनोखी शादी
  • संविधान की शपथ लेकर संपन्न हुई शादी
  • हर तरफ हो रही है इस अनोखी शादी की चर्चा

Weird Marriage: देश में इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है। अब तक लाखों लोगों की शादी हो चुकी है। वैसे तो ज्यादातर कपल पारंपरिक तरीके से ही शादी करते हैं। लेकिन, कुछ कपल ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने अंदाज में शादी की है। इनमें कुछ मामले ऐसे हैं जो लोगों का दिल जीत रहे हैं, जबकि कुछ के बारे में सुनकर हैरानी भी हो रही है। हाल ही बिहार से एक ऐसा मामला सामने आया था, जिसमें एक एयर होस्टेस दुल्हन घोड़ी पर चढ़कर दूल्हे के घर पहुंची थी। वहीं, एक IAS दुल्हन ने कन्यादान करवाने से मना कर दिया। लेकिन, अब जो मामला सामने आया है उसका लेवल काफी अलग है। क्योंकि, इस शादी में ना तो फेर लिए गए और ना ही मंत्र का उच्चारण हुआ बल्कि संविधान की शपथ लेकर यह शादी संपन्न हुई। ये बात सुनकर भले ही आप हैरान हुए होंगे लेकिन यह सच है। तो आइए, जानते हैं इस शादी के बारें में कुछ और दिलचस्प बातें...

ओडिशा के गंजम जिले में एक ऐसी शादी हुई है, जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है। इस शादी में पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन नहीं किया गया है। बल्कि, संविधान की शपथ लेकर दूल्हा-दुल्हन शादी के बंधन में बंध गए। जानकारी के मुताबिक, 29 साल के बिज्या कुमार और 27 साल की श्रुति ने रविवार को बड़ा कदम उठाते हुए ये अनोखी शादी की। इतना ही नहीं दोनों ने इस मौके पर रक्तदान भी किए और शरीर के अंगों को भी दान करने का फैसला किया। शादी में शामिल हुए कई मेहमानों ने भी रक्तदान किए। इस शादी को लेकर दूल्हे के पिता डी मोहन राव का कहना है कि 2019 में मेरे बड़े बेटे के लिए उसकी दुल्हन के माता-पिता को समझाने के बाद इस तरह की शादी का आयोजन किया था। 

लोगों को जागरूक करने के लिए उठाया ये कदम

रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी डी मोहन राव का कहना है कि संविधान प्रत्येक भारतीय के लिए एक पवित्र ग्रंथ है और यह आवश्यक है कि लोग इसमें निहित आदर्शों से अवगत हों। श्रुति ने शपथ लेने और माला पहनाने के बाद कहा कि हमें उम्मीद है कि हमारी शादी एक आदर्श स्थापित करेगी और भविष्य में इसका पालन करने के लिए प्रेरित करेगी। बताया जा रहा है कि इस इलाके में इस तरह की कम से कम चार शादियां अब तक हो चुकी है। कयास ये भी लगाया जा रहा है कि भविष्य में इस तरह की शादियों के लिए कई और युवा सामने आएंगे। 

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