Delhi Vidhaansabha Chunav: जब मिर्ची से भाजपा कैंडिडेट सिकंदर बख्त के छूट गए थे पसीने, छोड़ दिया था मैदान

Delhi Election Result: दिल्ली विधानसभा चुनाव की वोटिंग पूरी हो गई है। इसी के साथ सभी कैंडिडेट्स की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो गया है। ऐसे में जानिए दिल्ली चुनाव से जोड़ा एक किस्सा...

Sikander Bakht
Sikander Bakht 
मुख्य बातें
  • दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रत्याक्षियों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो चुका है।
  • दिल्ली की सियासत में हमेशा से डूर टू डूर कैंपेन की अहम भूमिका रही है।
  • दिल्ली में एक चुनाव ऐसा भी था जब मिर्ची के डर से बीजेपी नेता ने मैदान छोड़ दिया था। 

नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव खत्म हो गया है। 70 विधानसभा चुनाव सीटों में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा मैदान पर है। चाहे विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव दिल्ली की सियासत में हमेशा से डूर टू डूर कैंपेन की अहम भूमिका रही है। दिल्ली में एक चुनाव ऐसा भी था जब मिर्ची के डर से बीजेपी नेता ने मैदान छोड़ दिया था। 

साल 1980 लोकसभी चुनाव के दौरान केंद्रीय मंत्री रहे दिवंगत भाजपा नेता सिकंदर बख्त चांदनी चौक से प्रत्याक्षी थे। वह नुक्कड़ सभाएं और डूर टू डोर कैंपेन के जरिए जनता से वोट मांग रहे थे। उनका कार्यक्रम मिर्ची मार्केट में था। 

अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक मिर्ची मार्केट में दुकानदार मिर्ची के बोरे पर बैठे थे। ऐसे में उनसे वोट मांगने के लिए मिर्ची के ढेर के पास जाना पड़ता था। बीच बाजार में उन्हें मिर्ची के कारण छीकें आने लगी थी।      

बीजेपी के थे संस्थापक सदस्य 
रिपोर्ट के मुताबिक सिकंदर बख्त की आंखों से काफी पानी गिर रहा था। जब देखा कि दिक्कत काफी बढ़ रही है तो सिकंदर को तुरंत बाजार से बाहर निकाला । इसके बाद वह कभी भी मिर्ची मार्केट की तरफ वापस नहीं लौटे। 
  
आपको बता दें कि सिकंदर बख्त भाजपा के संस्थापक सदस्य थे। सिकंदर कांग्रेस के सदस्य थे, लेकिन उन्हें इमरजेंसी के दौरान इंदिरा गांधी ने जेल में डाल दिया था। साल 1976 में वह रोहतक जेल में रहे थे। अटल बिहारी वाजपेयी के दोस्ती के कारण वह साल 1980 में बीजेपी में शामिल हो गए थे। 

आप, बीजेपी और कांग्रेस को मिल रही है इतनी सीटें 
Times Now IPSOS के एग्जिट पोल के मुताबिक आम आदमी पार्टी को इस चुनाव में 47 सीट मिल सकती है। वहीं, बीजेपी को इस चुनाव में 23 सीट मिल सकती है। वहीं, कांग्रेस इस बार अपना खाता खोलते हुए एक सीट जीत सकती है। 

पोल ऑफ पोल्स के अनुसार AAP को 51, बीजेपी को 18 और कांग्रेस को 1 सीटें मिल रही हैं। आपको बता दें कि साल2015 में आम आदमी पार्टी को 67 सीटें मिली थी। वहीं, बीजेपी को तीन सीटें मिली थी। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था।

अगली खबर