Camel Traffic Signal: अब चीन में ऊंटो के लिए भी ट्रैफिक सिग्नल, आखिर क्या है खास वजह

क्या आपने जानवरों के लिए ट्रैफिक सिग्नल देखा है, जवाब ना में ही होगा। लेकिन चीन ने ऊंटों के लिए ट्रैफिक सिग्नल लगाया है और उसके पीछे खास वजह है।

Camel Traffic Signal: अब चीन में ऊंटो के लिए भी ट्रैफिक सिग्नल, आखिर क्या है खास वजह
चीन के मिंग्शा माउंटेन और क्रिशेंट स्प्रिंग में लगाए गए हैं ट्रैफिक सिग्नल  |  तस्वीर साभार: फेसबुक

अभी तक तो आपसबने देखा होगा कि इंसानों के लिए उनके वाहनों के लिए सड़कों पर ट्रैफिक सिग्नल की व्यवस्था होती है ताकि यातायात में किसी तरह का व्यवधान ना आए। लेकिन चीन ने अब ऊंटों के लिए ट्रैफिक सिग्नल लगाया है आखिर इसकी वजह क्या है इसे समझना जरूरी है। चीन के इस फैसले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हो रही है कि आखिर इसके पीछे खास मकसद क्या हो सकता है। 

ऊंटों के लिए ट्रैफिक सिग्नल
चीन ने दुनिया का पहला ट्रैफिक सिग्नल ऊंटों के डुनहुआंग शहर में मिंग्शा माउंटेन और क्रिशेंट स्प्रिंग में ट्रैफिक सिग्नव को इंस्टाल किया है। सीएनएन के मुताबिक गांसू प्रांत का यह इलाका पर्यटकों के आने के लिए मशहूर है, खासतौर से कैमेल राइडिंग का लुत्फ उठाते हैं। ट्रैफिक सिग्नल लगाए जाने का खास मकसद यह है ऊंट मिग्शा या क्रिसेंट स्प्रिंग से ना टकराएं। सामान्य सिग्नल की तरह ग्रीन लाइट पर ऊंट आगे बढ़ेंगे और रेड होने पर रुकना होगा। 

यह है खास वजह
मिंग्शा पहाड़ को गाते हुए पहाड़ के तौर पर भी जाना जाता है। दरअसल यह पड़ा सैंड ड्यून है और जब हवा बहती है तो ऐसे लगता है कि यह पहाड़ गा रहे हों। जानकार कहते हैं कि इसकी वजह से ऊंट मतिभ्रम का शिकार होते हैं। इसे रोकने की कवायद में यह सोचा गया कि ऊंटों को एक फ्लीट के तौर पर आगे बढ़ाया जाएगा। जब इस तरह का विचार कौंधा तो उस दिशा में सबसे बेहतर उपाय ट्रैफिक सिग्नल के तौर पर देखा गया। ट्रैफिक सिग्नल को अब अमल में लाया गया है और उसका असर भी दिखाई दे रहा है। 

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