देश का इकलौता मंदिर! देवी देवताओं के साथ भारत माता और महात्मा गांधी की भी होती है पूजा

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आदित्य साहू
Updated Aug 16, 2022 | 13:10 IST

Mahatma Gandhi Temple: गंगरेल बांध की खूबसूरत हसीन वादियों के पीछे बसे सटियारा गांव में स्थित गांधी में लगभग सभी पर्वो को धूमधाम से मनाया जाता है। धमतरी जिला मुख्यालय से गंगरेल बांध के रास्ते पर 40 किलोमीटर और सड़क मार्ग से करीब 70 किलोमीटर दूर यह मंदिर सटियारा गांव में स्थित है।

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महात्मा गांधी मंदिर  |  तस्वीर साभार: People
मुख्य बातें
  • छत्तीसगढ़ में स्थित है यह मंदिर
  • देवी-देवताओं के साथ महात्मा गांधी की पूजा
  • भारत माता की भी होती है पूजा

Mahatma Gandhi Temple: छत्तीसगढ़ के धमतरी के सटियारा में देश का इकलौता मंदिर है, जहां पर लोग न सिर्फ देवी-देवता की पूजा करते हैं, बल्कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की भी पूजा करते हैं। इसके साथ ही इस मंदिर में भारत माता की भी पूजा की जाती है। गंगरेल बांध की खूबसूरत हसीन वादियों के पीछे बसे सटियारा गांव में स्थित गांधी में लगभग सभी पर्वो को धूमधाम से मनाया जाता है।

इस मंदिर में नवरात्रि के समय मनोकामना ज्योति जलाई जाती है। इसके अलावा राष्ट्रीय पर्व जैसे स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर ध्वजारोहण भी किया जाता है और आजादी की खुशियां मनाई जाती हैं। धमतरी जिला मुख्यालय से गंगरेल बांध के रास्ते पर 40 किलोमीटर और सड़क मार्ग से करीब 70 किलोमीटर दूर यह मंदिर सटियारा गांव में स्थित है। आपको अगर यहां जाना है तो गंगरेल से नाव का सहारा लेना पड़ेगा।

दुखू ठाकुर ने करवाई थी महात्मा गांधी के मंदिर की स्थापना

सड़क मार्ग से भी इस मंदिर में जा सकते हैं। इसलिए लिए कांकेर जिले के चारामा से होकर गुजरना पड़ेगा। सटियारा गांव के इस मंदरिक भारत माता सेवा समिति द्वारा संचालित किया जाता है। समिति से जुडे़ लोगों के गुरूदेव दुखू ठाकुर महात्मा गांधी के परमभक्त थे। इसलिए उन्होंने गांधी के विचारों को आगे बढ़ाने को लेकर गांधी मंदिर की स्थापना करवाई। गंगरेल बांध बनने के मंदिर डूब गया था। बाद में यह मंदिर नदी के किनारे बनाया गया।

मंदिर समिति के लोग महात्मा गांधी की पूजा के समय प्रसाद के रूप में चावल के आटे का इस्तेमाल करते है। जिस तरह महात्मा गांधी सादे वस्त्र में रहते हैं। उसी तरह के वस्त्र पहनकर यहां पूजा-अर्चना की जाती है। खादी के कपड़े इस मंदिर में चढ़ाए जाते हैं। यहां के लोग दूसरों को गांधीवादी विचारों पर चलने का संदेश देते हैं। हालांकि, इस जगह मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। आपको यहां आने के लिए पंगडंडी के रास्ते से गुजरना पड़ेगा। घने जंगल होने की वजह से यहां  जंगली जानवरों का भी खतरा रहता है।

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