इस मंदिर में लोगों ने धूमधाम से की गधे की पूजा, खास भोग भी लगाया गया, जानें क्या है कारण?

Sheetla Ashtami 2022: शीतला अष्टमी पर बीकानेर में गधे की पूजा की जाती है। इस दौरान महिलाएं एक दिन पहले विशेष भोग बनाती हैं और गधे को खिलाती हैं।

Sheetla Ashtami worship of donkey on Sheetla Ashtami in Bikaner
शीतला अष्टमी पर गधे की पूजा  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • शीतला अष्टमी पर गधे की पूजा
  • बीकानेर के शीतला मंदिर में होती है गधे की पूजा
  • विशेष प्रकार का गधे को भोग भी लगाया जाता है

Ajab Gajab News: ये तो हम सब जानते हैं कि हमारे देश में खास मौके पर जीव-जंतुओं की पूजा की जाती है। कई जगहों पर तो लोग काफी धूमधाम से पूजा करते हैं। लेकिन, अगर आप से पूछा जाए कि क्या आपने गधे की पूजा की है या किसी को करते हुए देखा है, यकीनन आप लोगों का जवाब ना ही होगा। हो सकता है कई लोगों को सुनने में ये काफी अजीबोगरीब भी लग रहा हो। लेकिन, इसी देशी में एक जगह पर गधे की पूजा काफी धूमधाम से होती है और खास प्रकार का भोग भी लगाया जाता है। तो आइए, जानते हैं क्या है पूरा मामला?

दरअसल, शीतला अष्टमी का दिन है। इस दिन कई जगहों पर माता शीतला की पूजा होती है। लेकिन, राजस्थान में माता शीतला मंदिर में लोग गधे की पूजा करते हैं। यह मंदिर बीकानेर के शीतला गेट पर स्थित है। यहां शीतला अष्टमी पर काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं। माता शीतला की पूजा करते हैं और आरती करते हैं। इसके बाद माता शीतला की सवारी यानी गधे की पूजा होती है। लोग काफी धूमधाम से गधे की पूजा करते हैं, उसे तिलक लगाते हैं। पूजा करने के बाद लोग गधे को विशेष प्रकार का भोग भी लगाते हैं। लोगों का मानना है कि ऐसा करने से कई बीमारियों से उन्हें छुटकारा मिलता है। इतना ही नहीं महिलाएं गधे को भोग लगाने के बाद खुद भी उसका सेवन करती हैं। बताया जाता है कि गधे के लिए महिलाएं एक दिन पहले ही भोग तैयार करती हैं।  

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सालों से चली आ रही है ये परंपरा

कई लोग इस परंपरा के बारे में जानकर हैरान रह जाते हैं। लेकिन, वहां के लोगों को इस परंपरा में काफी विश्वास है। मंदिर के पुजारी का कहना है कि ये परंपरा सैकड़ों साल पुरानी है। जिसका लोग दिल से निर्वहन कर रहे हैं। 

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