Shortest World War History: ये है दुनिया का सबसे छोटा युद्ध, 38 मिनट में ही हो गया था फैसला

World Shortest world war Timing: दुनिया में वैसे तो कई लड़ाइयां लड़ी गई हैं। लेकिन, कुछ युद्ध ऐसे भी हुए हैं जिनके बारे में जानकर लोग हैरान रह जाते हैं।

shortest world war history hidden and untold story in Hindi
दुनिया का सबसे छोटा युुद्ध 
मुख्य बातें
  • दुनिया में कई बड़े युद्ध हुए हैं
  • एक युद्ध ऐसा भी था, जो 38 मिनट में ही समाप्त हो गया
  • बेहद दिलचस्प है इस युद्ध की कहानी

World Shortest world war Timing: रूस और यूक्रेन के बीच तनाव चरम पर है। दोनों देशों के लाखों सैनिक आमने-सामने हैं। ऐसा माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच कभी जंग छिड़ सकती है। अमेरिका ने तो यहां दावा किया है कि रूस अब कभी भी यूक्रेन पर धावा बोल सकता है। आलम ये है कि पूरी दुनिया की नजरें अभी रूस और यूक्रेन पर ही टिकी हैं। हालांकि, दुनिया में अब तक कई युद्ध हो चुके हैं। वहीं, कई युद्ध तो अजीबोगरीब कारणों से आज भी मशहूर हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही युद्ध के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे दुनिया का सबसे छोटा युद्ध कहा जाता है, क्योंकि इस युद्ध का फैसला महज 38 मिनट में ही हो गया था। तो आइए, जानते हैं इस युद्ध के बारे में कुछ दिसचस्प बातें...

साल 1890 की बात है, जब ब्रिटेन और जर्मनी के बीच एक संधि हुई थी जिसपर जांजीबार ने हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद जांजीबार पर ब्रिटेन का आधिपत्य हो गया। वहीं, तंजानिया का ज्यादातर हिस्सा जर्मनी में चला गया। जांजीबार जब ब्रिटेन के अंदर आ गया तो उसकी देखभाल की जिम्मेदारी हमद बिन थुवैनी को सौंपी गई। जिम्मेदारी मिलते ही हमद बिन थुवैनी ने खुद को वहां का सुल्तान घोषित कर दिया। हालांकि, हमद ब्रिटिश समर्थक था। लेकिन, 25 अगस्त 1896 को हमद का निधन हो गया। इसके बाद उसके भतीजे खालिद बिन बर्गश ने सत्ता संभा ली और खुद को जांजीबार का सुल्तान घोषित कर दिया। लेकिन, ब्रिटेन को ये बात रास नहीं आई। लिहाजा, खालिद को सुल्तान पद से हटाने का आदेश दिया गया। लेकिन, खालिद ने इस आदेश को असनसुना कर दिया। 

ये भी पढ़ें -  Viral: खतरनाक स्टंट से पहले बच्ची को पहना दिया बुर्का, वीडियो में देखें फिर क्या हुआ?

27 अगस्त था ऐतिहासिक दिन

इतना ही नहीं खालिद ने अपने महल की सुरक्षा बढ़ा दी और चारों तरफ तकरीन तीन हजार सैनिकों को तैनात कर दिया। ब्रिटेन भी पीछे हटने वाला नहीं था। परिणाम ये हुआ कि जंग छिड़ गई। 27 अगस्त, 18696 को ब्रिटिश नौसेना ने जहाजों से जांजीबार के महल पर बमबारी शुरू कर दी और उसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया। तकरीबन 38 मिनट बाद संघर्ष विराम की घोषणा भी हो गई और इस तरह से इतने कम समय में यह युद्ध समाप्त हो गया। 

अगली खबर