भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (Insurance Regulatory and Development Authority: IRDA) ने सेवानिवृत्ति के समय एनपीएस (National Pension Scheme) राशि से पेंशन (Pension) खरीदने के लिए एक अलग फॉर्म (Seprate Form) जमा करने की जरूरत को खत्म कर दिया है।
मंगलवार (13 सितंबर, 2022) को इरडा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस कदम का मकसद बीमा उद्योग में कारोबार को आसान बनाने के साथ पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा करना भी है। नियामक की ओर से जारी एक परिपत्र में कहा गया, ''इसी दिशा में सीनियर सिटिजन्स (वरिष्ठ नागरिकों) के जीवन को आसान बनाने के लिए हमने एनपीएस की इनकम से तत्काल पेंशन उत्पादों को लेने के लिए अलग से फॉर्म जमा करने की जरूरत में ढील दी है।''
दरअसल, इस कदम के पहले तक पुरानी व्यवस्था में एनपीएस में शामिल सेवानिवृत्त लोगों को पीएफआरडीए के पास एक निकासी फॉर्म और बीमा कंपनियों के पास एक प्रस्ताव फॉर्म जमा करना होता था।
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इरडा के अनुसार, अब एनपीएस के निकासी फॉर्म को पेंशन खरीदने के प्रस्ताव फॉर्म के रूप में माना जाएगा। इससे वरिष्ठ नागरिकों के साथ ही बीमा कंपनियों को सुविधा होगी। पेंशन सेवा प्रदाता (एएसपी) बीमा कंपनियां हैं, जो बीमा नियामक की ओर से विनियमित हैं और पीएफआरडीए ने इन्हें लिस्ट (सूचीबद्ध) किया है। ये कंपनियों एनपीएस ग्राहकों को उनके द्वारा दी जाने वाली राशि के आधार पर पेंशन देती हैं।
पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के पास एनपीएस के तहत पेंशन कोष प्रबंधक हैं, जिन्हें ग्राहकों के पेंशन फंड को विवेकपूर्ण तरीके से निवेश करने का काम सौंपा गया है। पीएफआरडीए के नियमों के अनुसार सदस्यों को अपनी संचित पेंशन राशि का कम से कम 40 प्रतिशत हिस्सा मासिक पेंशन उत्पाद खरीदने के लिए इस्तेमाल करना होगा। इसके अलावा शेष राशि एकमुश्त ली जा सकती है।