Mar 26, 2025
भारत पर मुगलों के शासन के दौरान देश बेहद अमीर था और यहां के बादशाह अकूत दौलत के मालिक थे। भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था।
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मुगलकाल में अकबर की दौलत सबसे अधिक मानी जाती थी, अकबर के खजाने में इतनी दौलत थी कि अंदाजा भी लगाना मुश्किल था।
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आर्थिक इतिहासकार एंगस मैडिसन के अनुसार, अकबर के दरबार की असाधारण और विलासितापूर्ण जीवनशैली का यूरोप में कोई मुकाबला नहीं था।
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तब मुगल साम्राज्य इतना विशाल था कि कहते हैं कि अकबर के शासनकाल में दुनिया के मुकाबले देश की जीडीपी 24 फीसदी थी हालांकि इसके प्रमाण नहीं हैं।
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अकबर 1542 से 1605 तक जिंदा रहा और वह मुगल वंश का तीसरा बादशाह था और उसकी मौत के बाद इस दौलत को जहांगीर और शाहजहां ने जमकर खर्च किया।
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दरअसल, अकबर के शासनकाल में सुव्यवस्थित कर-प्रशासन प्रणाली लागू थी जिसका फायदा उसे मिला था और उसने अकूत संपत्ति अर्जित की।
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अब तक का सबसे अमीर भारतीय हैदराबाद के आखिरी निजाम मीर उस्मान अली खान को माना जाता है।
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कुछ साल पहले उनकी कुल संपत्ति 230 अरब डॉलर आंकी गई थी। उनकी गिनती इतिहास के सबसे अमीर लोगों में होती है।
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