नई दिल्लीः लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग दो ऐसे हथियार हैं जो कोरोना वायरस से जंग में काफी अहम साबित हुए हैं। इसके अलावा प्रशासन की मुस्तैदी और सही समय पर लिए गए फैसले भी इस जंग में अहम भूमिका निभा रहे हैं। कोरोना वायरस की गिरफ्त में तकरीबन पूरा विश्व आ चुका है लेकिन कुछ देश ऐसे हैं जो अपने फैसलों और अनुशासन की वजह से जल्द ही कोरोना मुक्त हो सकते हैं। इनमें से जिन दो देशों की हम बात करने जा रहे हैं, उनके आंकड़े वाकई दिल खुश करने वाले हैं।
इन दो देशों ने जीते दिल
हम यहां जिन दो देशों की बात कर रहे हैं, वे हैं ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड। बेशक इन दोनों देशों के बीच कड़ी प्रतिद्वंद्विता रही है लेकिन इस महामारी में दोनों ने अपने फैसलों और लोगों के मिलते साथ के दम पर अद्भुत सफलताएं हासिल की हैं।
ऑस्ट्रेलिया के आंकड़े
खेल की दुनिया में धमाकेदार प्रदर्शन करने वाले ऑस्ट्रेलिया ने कोरोना से जंग में भी अब तक गजब की सफलताएं हासिल की हैं। अब 18 मई 2020 तक वहां 7060 कोरोना संक्रमित मामलों की पुष्टि हुई है जिसमें से पूरे देश में 99 देशों की जान गई है जबकि इनमें से 6389 लोग कोरोना को मात देकर घर लौट चुके हैं। अब वहां कुल 572 सक्रिय मामले बचे हैं।
न्यूजीलैंड के आंकड़े
न्यूजीलैंड में अब तक कुल 1499 कोरोना संक्रमित मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें से 18 मई तक 1433 लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके थे। अब तक न्यूजीलैंड में 21 लोगों की जान गई है और कुल 45 एक्टिव केस बाकी हैं जिनमें से अधिकतर अपने घरों में ही इलाज करा रहे हैं। उनकी सरकारी वेबसाइट के मुताबिक अस्पताल में कुल 2 लोग भर्ती हैं।
जीत की राह पर कैसे बढ़ा ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया में पहला कोरोना केस 25 जनवरी 2020 को सामने आया था। वुहान (चीन) से आए एक आदमी में इसकी पुष्टि हुई थी। जनवरी खत्म होते-होते यहां 9 केस आ चुके थे। इसलिए ऑस्ट्रेलिया ने 31 जनवरी से ही एक्शन लेना शुरू कर दिया। सबसे पहला फैसला था कि चीन से आने वाले लोगों को सबसे पहले किसी तीसरे देश में रात बितानी होगी जहां स्क्रीनिंग के बाद ही उनकी देश में एंट्री होगी। फरवरी के अंत तक मामले 23 हो चुके थे, तभी प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा को इमरजेंसी अलर्ट पर लगा दिया।
ऑस्ट्रेलिया की रग्बी टीम का अभ्यास शुरू- AP
22 मार्च आते-आते वहां की सरकार सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के कड़े नियमों के साथ-साथ देश की सरहदों को भी लॉक कर चुकी थी। तब तक सरकार ने 17.6 बिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर्स का पहला और कुछ दिन बाद 66 बिलियन डॉलर्स का दूसरा राहत पैकेज घोषित कर दिया था। पूरा देश अनुशासित होकर सरकार व स्वास्थ्यकर्मियों के साथ जुट गया और आज वे महामारी से निजात पाने के करीब हैं। वहां लॉकडाउन में राहत का पालन भी तीन अलग-अलग चरणों के तहत दिया जा रहा है। जबकि सरहदें अभी भी बंद रहेंगी। खेलों का अभ्यास शुरू हो रहा है।
न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च स्थित बीच में लोगों की मस्ती- AP
न्यूजीलैंड को कैसे मिली सफलता
वहीं अगर न्यूजीलैंड की बात करें तो वहां पर 28 फरवरी 2020 को पहला मामला सामने आया था और कुछ ही मामले सामने आने के बाद 19 मार्च को सरहदों को लॉक कर दिया गया और बाहर से लौटने वाले लोगों को 10 दिन के सख्त Quarantine का पालन करने के लिए कहा गया। दो दिन बाद चार लेवल के अलर्ट सिस्टम का ढांचा तैयार हुआ और उसके दो दिन बाद ही देश को तीसरे अलर्ट लेवल पर डाल दिया वहीं 25 मार्च को देश में चौथे लेवल का अलर्ट जारी करके लॉकडाउन लागू कर दिया गया जबकि उस समय मामले काफी कम थे। फिर 27 अप्रैल को स्थिति सुधारने के बाद अलर्ट लेवल को पहले 3 पर खिसकाया, और 13 मई को स्थिति और सुधरने के बाद इसे लेवल-2 पर लाते हुए लॉकडाउन में थोड़ी और राहत दे दी गई। अभी भी वे चौकन्ने हैं और देश में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सख्ती से हुआ।
मजबूत हुई करेंसी
इसके साथ-साथ आर्थिक मोर्चे पर भी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को काफी फायदा हुआ है। जिस तेजी से वे इस महामारी से उभरे उसी तेजी से उन्होंने अपनी अर्थव्यवस्था के चक्के को घुमाना शुरू कर दिया। नतीजतन दोनों ही देशों की करेंसी में थोड़ा बहुत बदलाव देखने को मिले। दोनों की करेंसी को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कुछ ताकत हासिल हुई है।