भारत से तनाव के बीच चीन का रहस्यमयी मिशन, किया गुप्त अंतरिक्ष यान का परीक्षण

दुनिया
आईएएनएस
Updated Sep 08, 2020 | 17:10 IST

भारत औऱ चीन के बीच चल रहे तनाव के इतर चीन ने एक रहस्यमयी सैटेलाइट मिशन लॉन्च किया है। यह यान गोबी रेगिस्तान में जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से लॉन्च किया गया।

China Launched A Secret Space Plane Amid Tensions With India in Ladakh
भारत से तनाव के बीच चीन का गुप्त अंतरिक्ष यान का परीक्षण  |  तस्वीर साभार: Getty Images
मुख्य बातें
  • गुप्त रूप से दोबारा इस्तेमाल योग्य प्रायोगिक अंतरिक्ष यान किया सफलतापूर्वक लॉन्च - चीन
  • सोमवार को ही भारत ने लॉन्च की थी हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक
  • परीक्षण ऐसे समय में हुआ है जब दोनों देश वास्तविक नियंत्रण रेखा पर आमने-सामने हैं

नई दिल्ली/बीजिंग: लद्दाख में भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास व्याप्त गतिरोध और दक्षिण चीन सागर में कई देशों के साथ टकराव के बीच चीन का दावा है कि उसने गुप्त रूप से दोबारा इस्तेमाल योग्य प्रायोगिक अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। न्यूज एजेंसी सिन्हुआ ने रविवार को बताया कि यह यान गोबी रेगिस्तान में जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से शुक्रवार को लॉन्ग मार्च-2 एफ रॉकेट पर लॉन्च होने के बाद कक्षा में दो दिन के मिशन के बाद अपने निर्धारित लैंडिंग साइट पर लौट आया है। बीजिंग ने दावा किया कि इस सफल उड़ान ने दोबारा इस्तेमाल योग्य अंतरिक्ष यान अनुसंधान में देश की महत्वपूर्ण सफलता को चिन्ह्ति किया है। इसके साथ ही इससे अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग के लिए सुविधाजनक और कम लागत वाली राउंड ट्रिप परिवहन की पेशकश की भी उम्मीद है।

भारत ने सोमवार को ही किया था एक मिसाइल परीक्षण

 हार्वर्ड स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के एक खगोलविद, जोनाथन मैकडॉवेल ने अपने ट्विटर हैंडल का उपयोग करते हुए अनुमान लगाया कि लैंडिंग स्थल उत्तर पश्चिम चीन में टकलामकन रेगिस्तान हो सकता है। वहीं दूसरी ओर भारत ने सोमवार को हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाई है। भारत ने स्वदेशी हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमांस्ट्रेटर व्हीकल (एचएसटीडीवी) का दूसरा सफल परीक्षण किया है। इसके साथ ही भारत अगली पीढ़ी के हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल विकसित करने की तकनीक हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। अभी तक यह तकनीक सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के पास ही थी।

 रहस्यमयी चीन मिशन

यह हाइपरसोनिक और लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों के लिए एक वाहक वाहन है, और इसमें कम लागत पर छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण सहित कई नागरिक अनुप्रयोग होंगे। मैकडॉवेल ने कहा कि 2019 में पिछली उड़ान ने कलाम द्वीप से अग्नि-1 के पहले चरण में ऊंचाई को और आगे बढ़ाया है। चीनी मिशन, जो रहस्य में डूबा हुआ है, एक ऐसे समय में आया है, जब बीजिंग और नई दिल्ली लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर आमने-सामने हैं। पिछले हफ्ते भारतीय सेना ने लद्दाख में नियंत्रण रेखा के पास वाले क्षेत्रों में चीनी सेना की यथास्थिति को बदलाने वाले मंसूबों पर पानी फेर दिया था। भारतीय नौजवानों ने पैंगॉन्ग त्सो झील के दक्षिणी तट पर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर अपनी पहुंच स्थापित कर ली थी।

संयोग से, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आखिरी मिनट के फैसले में पाकिस्तान की अपनी यात्रा रद्द कर दी। इस बीच, चीनी अधिकारियों से सुरक्षा के खतरे का सामना कर रहे दो ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारों को राजनयिक गतिरोध में चीन से निकाला गया। ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन के बिल बर्टल्स और ऑस्ट्रेलियाई फाइनेंशियल रिव्यू के माइक स्मिथ मंगलवार को सिडनी में उतरे।

चीन लगातार कर रहा है हिमाकत

जैसे ही अमेरिका-चीन संबंध शीत-युद्ध की स्थिति में आया है, शी जिनपिंग शासन ने दक्षिण चीन सागर पर अपनी संप्रभुता का दावा करने के लिए पीएलए नौसेना, चीन तटरक्षक बल और समुद्री मिलिशिया को तैनात किया है। कोरोनावायरस महामारी का प्रकोप शुरू होने के बाद, जो चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर में उत्पन्न हुआ था, बीजिंग ने इंडोनेशिया के नटुना द्वीपों से सटे क्षेत्र के पानी में मछली पकड़ने वाली नावें भेजी हैं और ब्रुनेई, वियतनाम, मलेशिया और फिलीपींस के विशेष आर्थिक क्षेत्रों में सर्वेक्षण जहाजों को तैनात किया है।
 

अगली खबर