इमरान खान ने बताया -अफगानिस्तान में उससे क्या कराना चाहता है अमेरिका

अफगानिस्तान (Afghanistan) के ताजा हालात पर पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बयान दिया है। खान का कहना है कि अमेरिका (America) सैन्य तरीके से अफगानिस्तान का समाधान निकालना चाहता था।

Imran Khan says America wants Pakistan clean up its mess in Afghanistan
इमरान खान ने अफगानिस्तान के ताजा हालात पर बयान दिया है।  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • अफगानिस्तान के बड़े भूभाग पर तालिबान का नियंत्रण हो चुका है
  • करीब 10 प्रांतीय राजधानियां तालिबान के नियंत्रण में आ चुकी हैं
  • अमेरिका का कहना है कि अगले 90 दिनों में काबल पर भी कब्जा हो सकता है

नई दिल्ली : पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने अमेरिका पर गंभीर आरोप लगाया है। खान ने कहा है कि अफगानिस्तान (Afghanistan) में 20 वर्षों की लड़ाई के बाद इस देश में जो 'खराब हालात' बने हैं, अमेरिका (America) केवल उसे ठीक करने में पाकिस्तान की भूमिका देखता है। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का कहना है कि अमेरिका चाहता है कि अफगानिस्तान में शांति समझौता के लिए उनका देश तालिबान पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करे। इसके लिए वाशिंगटन पाकिस्तान पर दबाव बनाता आया है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि तालिबान और अफगान सरकार में जारी वार्ता रुक गई है और हिंसा काफी बढ़ गई है। 

सैन्य तरीके से समाधान निकालना चाहता था अमेरिका
रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामाबाद स्थित अपने आवास पर पत्रकारों के साथ बातचीत में खान ने कहा, 'अफगानिस्तान में अमेरिका ने जो खराब स्थिति बनाई है, अब वह चाहता है कि हम उसे किसी तरह ठीक करें। उसने 20 साल तक सैन्य तरीके से अफगानिस्तान समस्या का हल निकालने की कोशिश की लेकिन वह असफल रहा।' 

हम किसी का पक्ष नहीं ले रहे-इमरान
काबुल सहित पश्चिम देशों का कहना है कि पाकिस्तान तालिबान को मदद पहुंचा रहा है और इस मदद की वजह से तालिबान अफगानिस्तान के इलाकों पर कब्जा कर रहा है। हालांकि, पाकिस्तान इस बात से इंकार करता आया है। खान ने कहा कि वह अफगानिस्तान में किसी का पक्ष नहीं ले रहे हैं। पाकिस्तान के पीएम ने आगे कहा, 'मेरा मानना है कि अमेरिका ने यह तय कर लिया है कि अब भारत ही उनका रणनीतिक साझीदार है और यही कारण है कि अमेरिकी प्रशासन पाकिस्तान के साथ बदला हुआ व्यवहार कर रहा है।' उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अभी जो स्थितियां बनी हुई हैं उसे देखकर नहीं लगता कि समस्या का राजनीतिक समाधान निकलेगा। 

उन्होंने तालिबान नेताओं का हवाला देते हुए कहा, 'स्थिति ऐसी है कि अफगानिस्तान में अशरफ घनी जब तक रहेंगे, तालिबान अफगान सरकार से बातचीत नहीं करेगा।'  

गजनी पर तालिबान के नियंत्रण की खबर
इस बीच, रिपोर्ट यह भी है कि तालिबान ने राजधानी गजनी पर भी नियंत्रण कर लिया है। गजनी राजधानी काबुल से 130 किलोमीटर दूर दक्षिण पश्चिम में स्थित है। इसके साथ ही तालिबान के नियंत्रण में आने वाला गजनी देश की 10 वीं प्रांतीय राजधानी बन गया है। अलजजीरा ने एक सरकारी सूत्र के हवाले से कहा है कि देश में जारी हिंसा पर रोक लगाने के लिए अफगान सरकार ने तालिबान के सामने सत्ता में हिस्सेदारी का प्रस्ताव रखा है।   

90 दिनों में काबुल पर कब्जा कर सकता है तालिबान
अमेरिका की इस घोषणा के बाद कि 31 अगस्त तक उसकी सेना की अफगानिस्तान से पूरी तरह से वापसी हो जाएगी, तालिबान ने अपने हमले तेज कर दिए। बीते कुछ दिनों में उसने जिस तरह से इलाकों पर कब्जा किया है, उस पर अमेरिका का कहना है कि वह अगले 30 दिनों में राजधानी काबुल को अलग-थलग कर सकता है और 90 दिनों में राजधानी पर अपना नियंत्रण कर सकता है।

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