नई दिल्ली : फ्रांस में पिछले दिनों सैमुअल पेटी नाम के एक टीचर ने पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाया था, जिसके बाद उनकी हत्या कर दी गई थी। 18 साल के अब्दुल्लाह अंजोरोफ नाम के एक छात्र ने 16 अक्टूबर को सैमुअल पेटी का सिर कलम कर दिया था, जिसके बाद फ्रांस में इस्लाम को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने जहां कट्टरवादी इस्लाम से सख्ती से निपटने और देश के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की रक्षा करने की बात कही है, वहीं पैगंबर के कार्टून मामले को लेकर तुर्की और पाकिस्तान ने खुलकर फ्रांस के प्रति नाराजगी व्यक्त की है।
इस मसले पर फ्रांस और तुर्की में जारी बयानबाजियों के बीच फ्रांस की मशहूर व्यंग्य पत्रिका 'शार्ली एब्दो' ने अब तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन का मजाक उड़ाते हुए एक कार्टून प्रकाशित किया है, जिस पर तुर्की ने बौखलाहटभरी प्रतिक्रिया दी है। उसने फ्रांस के खिलाफ कानूनी और कूटनीतिक कार्रवाई की चेतावनी दी है और फ्रांस के राष्ट्रपति पर भी टिप्पणी की। पाकिस्तान पहले ही इस्लामिक जगत के नेताओं को पत्र लिखकर इस्लामोफोबिया के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध कर चुका है। इन सबके बीच भारत ने भी प्रतिक्रिया दी है और फ्रांसीसी राष्ट्रपति का समर्थन किया।
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी बयान में कहा गया, 'हम राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ अस्वीकार्य भाषा में व्यक्तिगत हमलों की निंदा करते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय वाद-विवाद के सबसे बुनियादी मानकों का भी उल्लंघन करता है। साथ ही हम भयानक तरीके से क्रूर आतंकवादी हमले में फ्रांसीसी शिक्षक की जान लिए जाने की भी निंदा करते हैं। हम उनके परिवार और फ्रांस के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। किसी भी कारण से या किसी भी परिस्थिति में आतंकवाद के समर्थन का कोई औचित्य नहीं है।'
भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान को भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लीनैन ने ट्वीट किया और भारत का आभार जताते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोनों देश हमेशा एक-दूसरे पर भरोसा कर सकते हैं।
भारत की यह प्रतिक्रिया फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाए जाने के मामले को लेकर गहराते विवाद के बीच आई है, जिस पर तुर्की ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि नैतिकता और शालीनता रहित इन प्रकाशनों का उद्देश्य नफरत के बीज बोना है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर धर्म और आस्था पर हमले 'एक बीमार मानसिकता' की उपज हो सकती है। अर्दोआन ने जहां लोगों से फ्रांसीसी उत्पाद नहीं खरीदने की अपील की, वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति पर हमला करते हुए यहां तक कहा था कि उनके मानसिक स्वास्थ्य की जांच होनी चाहिए।