वाशिंगटन : भारत और पाकिस्तान ने हाल ही में नियंत्रण रेखा (LoC) पर संघर्ष विराम लागू करने को लेकर नए सिरे से सहमति जताई है, जिसके बाद दोनों ओर से सियातदांओं के सुर में नरमी देखी गई है। एलओसी पर शांति बनाए रखने के लिए 2003 में भारत और पाकिस्तान के बीच समझौता हुआ था, लेकिन पाकिस्तान ने 2006 में इसका उल्लंघन करते हुए गोलीबारी की थी, जिसके बाद भारत ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू की।
अब हाल ही में जब भारत और पाकिस्तान के बीच एलओसी पर साल 2003 के संघर्ष विराम समझौते को कड़ाई से लागू करने पर सहमति बनी तो संबंधों के सामान्य होने की उम्मीद भी जगी। पाकिस्तान के सेना प्रमुख के बयान से भी नरमी के संकेत मिले, जिन्होंने दोनों देशों के बीच सामान्य रिश्तों की वकालत की और इसे आपसी हितों के लिए फायदेमंद बताया। लेकिन अब एक अमेरिकी रिपोर्ट में चेताया गया है कि दोनों देशों के रिश्ते आने वाले समय में और तल्ख हो सकते हैं और नौबत सैन्य कार्रवाई तक पहुंच सकती है।
रिपोर्ट में चीन के साथ लगने वाली सीमा पर भी तनावपूर्ण स्थिति का जिक्र किया गया है। एनुअल थ्रेट असेसमेंट ऑफ द इंटेलीजेंस कम्यूनिटी रिपोर्ट 2021 में लद्दाख में करीब 8 महीनों तक तनाव के बाद भारत और चीन के बीच डिस्एंगेजमेंट को लेकर बनी सहमति के संदर्भ में कहा गया है कि तनाव के बिंदुओं से सैन्य वापसी के बाद भी दोनों पक्षों में संबंध 'तनावपूर्ण' बने हुए हैं। वहीं पाकिस्तान को लेकर इसमें साफ कहा गया है कि अगर उसकी तरफ से उकसावे की कोई कार्रवाई होती है, जिसमें आतंकी घटनाएं भी शामिल हैं तो भारत कड़ा कदम उठा सकता है।
अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने अपनी नीति बदल ली है और अब वह बर्दाश्त करने के रास्ते से हट चुका है। रिपोर्ट में भारत-पाकिस्तान जैसे दक्षिण एशिया के दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों के रिश्तों में तल्खी को दुनिया के लिए 'चिंताजनक' करार दिया गया है। इसमें पाकिस्तान के खिलाफ 2016 में जम्मू कश्मीर के उड़ी में सैन्य शिविर पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत के 'सर्जिकल स्ट्राइक' और फरवरी 2019 में कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद 'एयर स्ट्राइक' जैसी कार्रवाई का भी जिक्र किया गया है।