ट्रंप की चेतावनी तुर्की पर बेअसर, एर्दोगान बोले- सीरिया में नहीं करेंगे सीज फायर

दुनिया
Updated Oct 16, 2019 | 15:58 IST | भाषा

Syrian crisis: सीरिया से अमेरिकी बलों की वापसी के ऐलान के बाद से ही यहां संकट गहराता जा रहा है। अमेरिका ने अब आशंका जताई है कि तुर्की के कदमों से यहां इस्‍लामिक स्‍टेट एक बार फिर मजबूत हो सकता है।

Turkey vows to keep up Syria onslaught despite US threatening
तुर्की के राष्‍ट्रपति ने सीरिया में संघर्ष विराम से इनकार कर दिया है  |  तस्वीर साभार: AP

वाशिंगटन : अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस के नेतृत्व में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के उत्तरी सीरिया में सैन्य हमले को रोकने का तुर्की पर दबाव बनाने के लिए अंकारा रवाना होने की तैयारियों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका ने तुर्की के खिलाफ 'बहुत सख्त' रुख अपनाया है और उस पर कड़े से कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से मंगलवार को कहा कि उनका प्रशासन अमेरिकी जवानों को वापस घर लाना चाहता है।

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ'ब्रायन समेत प्रतिनिधिमंडल 17 अक्टूबर को तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन से मुलाकात करने जाएगा। इस बीच एर्दोआन ने उत्तरी सीरिया में संघर्षविराम के अमेरिका के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि वह अमेरिकी प्रतिबंधों को लेकर चिंतित नहीं हैं। एर्दोआन ने कहा, 'वे चाहते हैं कि हम संघर्ष विराम घोषित करें। हम संघर्षविराम की घोषणा नहीं कर सकते।'

सीरिया से अपने बलों को वापस बुलाने के अमेरिका के फैसले के बाद पिछले सप्ताह से शुरू हुए तुर्की हमलों का मकसद कुर्द नीत 'सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस' एसडीएफ को सीमा क्षेत्रों से खदेड़ना है। तुर्की सरकार इलाके में 'सुरक्षित क्षेत्र' बनाना चाहती है, जहां वह 20 लाख सीरियाई शरणार्थियों को पुन: बसा सके जो इस समय तुर्की में हैं। ट्रम्प ने कहा, 'माइक (पेंस) एक बड़ी यात्रा की तैयारी कर रहे हैं। वह बुधवार को रवाना होंगे।'

व्हाइट हाउस ने कहा कि क्षेत्र में जारी हिंसा 'आईएसआईएस को हराओ' मुहिम को बहुत कमजोर कर रही है, आम नागरिकों एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों और पूरे क्षेत्र की सुरक्षा को खतरे में डाल रही है। उसने कहा कि प्रशासन क्षेत्र और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संकल्पबद्ध है। सीरिया से बलों की वापसी को लेकर ट्रम्प की आलोचना हो रही है।

इस मामले पर ट्रम्प ने कहा, 'हम कई वर्षों से वहां मौजूद अपने जवानों को वापस लाना चाहते हैं, वे विश्व में सबसे बड़े योद्धा हैं।' उन्होंने कहा, 'वे पुलिस बल नहीं हैं, लेकिन उनका काम कर रहे हैं। वे अलग तरह का बल हैं। हम अपने जवानों को वापस लाना चाहते हैं और हम तुर्की एवं कई अन्य के खिलाफ बहुत कड़ा रुख अपना रहे हैं।'

व्हाइट हाउस ने कहा कि जब तक समाधान नहीं निकलता है तब तक पेंस तुर्की पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की ट्रम्प की प्रतिबद्धता को दोहराएंगे। ट्रम्प ने कहा, 'उन्हें शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी और हम देखेंगे कि प्रतिनिधिमंडल के साथ क्या होता है। हम संघर्षविराम की मांग कर रहे हैं।'

उन्होंने कहा, 'हमने सबसे कड़े प्रतिबंध लगाए हैं जिनकी आप कल्पना कर सकते हैं, लेकिन यदि उन पर असर नहीं होता है तो हम इस्पात पर शुल्क समेत और प्रतिबंध लगाएंगे। वे अमेरिका में बहुत इस्पात भेजते हैं। वे इससे बहुत धन कमाते हैं। वे बहुत अधिक धन नहीं कमा पाएंगे।' ट्रम्प ने तुर्की के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इस बीच ट्रम्प के सीरिया में फैसले के विरोध में कांग्रेस में द्विसदनीय, द्विदलीय प्रस्ताव पेश किया गया।

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