जंग का आगाज! इराक में अमेरिका दूतावास पर राकेट से हमला, बलाद एय़रबेस पर भी दागी गई दो मिसाइल

इराक की राजधानी बगदाद के ग्रीन जोन में कत्युशा रॉकेट दागे जाने की खबर आ रही है। यह रॉकेट अमेरिकी दूतावास के पास गिरे हैं। इसे एक तरह से अमेरिका के खिलाफ जंग का ऐलान माना जा रहा है।

Two rockets hit Iraq base where US troops deployed, security sources say
इराक में अमेरिका दूतावास पर राकेट से हमला, बलाद एय़रबेस पर भी दागी गई दो मिसाइल   |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी दूतावास और एयरबेस पर रॉकेट हमला
  • शुक्रवार को ही ईरान ने अमेरिका को थी बदला लेने की धमकी
  • इस रॉकेट अटैक को ईरान के उसी बदले की धमकी से जोड़कर देखा जा रहा है

बगदाद: इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी दूतावास के पास रॉकेट से हमला किया गया। हालांकि पुलिस के मुताबिक, इस हादसे में अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। इस राकेट हमले के बाद अफरा तफरी मच गई। ईरान ने बकायदा मस्जिद के ऊपर लाल झंडा फहराकर युद्ध ऐलान कर दिया है। खबरों की मानें तो यह पहला मौका है जब ईरान ने इस तरह मस्जिद पर झंडा फहराकर जंग का ऐलान किया हो।

इस हमले के बाद बगदाद के आसमान में अमेरिकी विमान उड़ते हुए नजर आए। खबरों की मानें तो मध्य इराक के बलाद एयरफोर्स बेस पर भी राकेट दागे गए हैं जो अमेरिकी सैन्य बलों का अड्डा है। यह हमला ऐसे वक्त में हुआ है जब शुक्रवार को ही ईरान ने अमेरिका को अपने कमांडर सुलेमानी की मौत का बदला लेने की धमकी दी थी। 

 

आपको बता दें कि अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स के शक्तिशाली कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की शुक्रवार को मौत हो गई थी। जनरल सुलेमानी को अयातुल्ला खामेनी के बाद ईरान में सबसे ताकतवर माना जाता था। उनका कुद्स फोर्स ईरानी रेवोल्यूशनरी गार्ड्स की एक इकाई था जो सीधे-सीधे अयातुल्ला को रिपोर्ट करता है।

अपने सुप्रीम कमांडर के मारे जाने के बाद ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के डिप्टी कमांडर ने कहा था कि ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को मार कर वाशिंगटन ने तेहरान को “सही” जवाब देने की चुनौती दी है। शनिवार तड़के भी अमेरिका ने एक हवाई हमले में इराक के हशद अल शाबी अर्द्धसैन्य बल के सदस्यों को निशाना बनाया था।

सुलेमानी  को मारने के पीछे अमेरिका ने तर्क देते हुए कहा कि सुलेमानी जब मारा गया उस वक्त वह फौरी कार्रवाई की योजना बना रहा था, जिससे अमेरिकी नागरिकों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती थी।

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