बीजिंग/वाशिंगटन : विगत कुछ समय में कई देशों के साथ चीन के तल्ख होते रिश्तों के बीच राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लेकर एक नया खुलासा सामने आ रहा है, जिसके मुताबिक चीन न केवल अपने पड़ोसी देशों के साथ उलझा हुआ है, बल्कि घरेलू मोर्चे पर भी राष्ट्रपति जिनपिंग अपने विरोधियों को निपटाने के अभियान में जुटे हैं। भ्रष्टाचार विरोधी कैंपेन के नाम पर ऐसे कई लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, जिनसे जिनपिंग को खतरा महसूस हो रहा है और सत्तारूढ़ चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के प्रभावशाली सदस्य और सरकारी अधिकारी इस मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं।
चीन में शी जिनपिंग के विरोधियों को निशाना बनाए जाने का दावा 'वाल स्ट्रीट जर्नल' की एक रिपोर्ट में किया गया है, जिसके मुताबिक, शी के एक वरिष्ठ सहयोगी ने जुलाई में ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई पर जोर दिया था, जो सिर्फ जुबानी तौर पर सीसीपी के साथ होने का दिखावा करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, शी के सहयोगी चेन यिक्सिन ने 8 जुलाई को सेंट्रल पॉलिटिकल एंड लीगल कमीशन की एक बैठक में 'यान रेक्टिफिकेशन मूवमेंट' शैली के 'सफाये अभियान' को लेकर बात की थी, जिसके बाद अगस्त में दर्जनों पुलिस व न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ जांच की गई है और उन्हें पद से हटाया गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्रशासन के इस रुख से पार्टी के लाखों कैडर्स जोखिम में हैं।
'यान रेक्टिफिकेशन मूवमेंट' की शुरुआत चीन में 1942 में हुई थी, जो 1945 तक चला था। यह चीन में व्यापक पैमाने पर अपने तरह का पहला वैचारिक आंदोलन माना जाता है, जिसमें लोगों पर आधुनिक चीन के निर्माता माओ जेदॉन्ग की विचारधारा थोपी गई। उन्हें यह चेतावनी भी दी गई कि वे माओ की सोच व सिद्धांत को ही अपनाएं और इससे पीछे न हटें, अन्यथा इसका परिणाम उन्हें निष्कासन, यातना और यहां तक कि मौत के रूप में भी झेलना पड़ सकता है। अब एक बार फिर चीन में उसी तरह की अवधारणा देखी जा रही है, जिसमें शी जिनपिंग के विरोधियों को भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के नाम पर निशाना बनाया जा रहा है।