Quad Summit: चीन की चालबाजियों को नाकाम करने का खाका होगा तैयार, पहली बार साथ बैठेंगे चार राष्ट्राध्यक्ष

Quad Leaders' Summit: अमेरिकी दौरे पर गए पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करने से पहले क्वॉड देशों की एक अहम बैठक में शामिल होंगे। इस बैठक पर चीन की भी नजर है।

PM Modi to participate in the first in-person Quad Leaders' Summit in Washington, know the importance of meeting
Quad: चीन की चालबाजियों को नाकाम करने का खाका होगा तैयार  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे पर है चीन की भी नजर
  • QUAD के राष्‍ट्र प्रमुखों की बैठक में पहली बार आम सामने होंगे सदस्य देशों के राष्ट्रप्रमुख
  • भारत ने कई देशों तक वैक्सीन भेजी, भारत ने मनावता को हमेशा परिवार की तरह देखा- पीएम मोदी

वाशिंगटन: प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे में एक अहम पड़ाव क्वॉड देशों की बैठक है। क्वाड भारत, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान यानी चार देशों का एक समूह है। यह पहली बार है जब ये बैठक इन पर्सन होने वाली है, यानी चारों देशे के राष्‍ट्रप्रमुख आमने-सामने बैठकर बात करेंगे। इसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में लोकतांत्रिक देशों के हितों की रक्षा करना और चीन जैसे देशों की चुनौतियों का मिलकर हल निकालना है।  इस बार क्वॉड बैठक के बाद जारी संयुक्त घोषणा पत्र में हिंद प्रशांत महासागर में चीन के आक्रामक रवैये को लेकर सीधा व कड़ा जबाव दिया जा सकता है। अभी तक इस बारे में इशारों में ही बातें की जाती रही हैं। 

चीन को घेरने पर बन सकती है रणनीति

क्वॉड की बैठक में चीन को आर्थिक मोर्चे पर घेरने के लिए रणनीति पर चर्चा हो सकती है। इस बैठक में एक मुद्दा सेमीकंडक्टर की सप्लाई चेन का हो सकता है। चीन सेमीकंडक्टर का सबसे बड़ा उत्पादक है लेकिन कोविड की वजह से  सेमीकंडक्टर यानी चिप की इस वक्त ग्लोबल शॉर्टेज है। और इससे दुनिया भर की कंपनियों को बड़ा नुकसान हो रहा है। सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल आपकी कार, आपके फोन, आपके लैपटॉप, आपके घर के उपकरण और दूसरी अधिकतर चीज़ों में होता है। लेकिन कोविड लॉकडाउन की वजह से इसकी सप्लाई पर असर पड़ा है।

सेमीकंडक्टर की सप्लाई पर चीन का दबदबा है। कुल उत्पाद का 50 प्रतिशत चीन में होता है और उसका लक्ष्य इसे अगले चार साल में 75 प्रतिशत करना है सेमीकंडक्टर की कमी से निपटने के लिए Quad की मीटिंग अहम है। इसमें चारों देश अगर मिल जाएं तो चीन पर एडवांटेज मिल जाएगा क्योंकि  सेमीकंडक्टर के बिना चीन की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री चल नहीं सकती।

चीन को सीधी चुनौती

 ये बैठक ऐसे समय हो रही है जब अमेरिका, ऑस्‍ट्रेलिया और ब्रिटेन के बीच पहले ही एक बड़ा करार हो चुका है जिसके तहत ऑस्‍ट्रेलिया में परमाणु ताकत से लैस पनडुब्बियों का बेड़ा तैयार किया जाएगा। इस फैसले से भले ही कुछ देश नाराज हों लेकिन ये चीन को सीधे चुनौती देने वाला है। एक तरफ तीन देशों का ये मोर्चो है। तो दूसरी तरफ क्‍वाड के 4 देश इंडो पैसिफि‍क रीजन में चीन की चालबाजियों को नाकाम करने का खाका तैयार करेंगे।

वैक्सीन सप्लाई पर ये है क्वाड की योजना

चीन को जहां ताकत के दम पर चुनौती दी जाएगी वहीं सॉफ्ट पावर के जरिए भी उसके खिलाफ लामबंदी की योजना है। क्‍वाड के तहत इंडो पैसिफिक रीजन के देशों में कोविड वैक्सीन की सप्‍लाई की जाएगी। वैक्‍सीन के लिए अमेरिका और जापान फंडिंग करेंगे और भारत वैक्‍सीन तैयार करेगा और इंडो पैसिफि‍क रीजन के देशों में वैक्‍सीन पहुंचाने का काम ऑस्‍ट्रेलिया करेगा। क्वाड वैक्सीन इनीशिएटिव के तहत भारत की हैदराबाद स्थित Biological E कंपनी को चुना गया है। इस कंपनी में वैक्‍सीन की 100 करोड़ डोज बनाई जाएंगी। ग्लोबल समिट में प्रधानमंत्री ने कहा भी कि भारत की फार्मा कंपनियां विकासशील देशों के लिए किफायती विकल्प है।

 अमेरिका में QUAD की इन-पर्सन मीटिंग इसलिए भी बेहद अहम है क्‍योंकि इंडो पैसिफकि में चीन अपनी दादागीरी जारी रखना चाहता है। वो कई देशों में भारी निवेश कर रहा है लेकिन पड़ोसियों से सीमा विवाद में उलझा है और अब तो वो तालिबान की भी मदद कर रहा है। ऐसे में QUAD की अहमियत और बढ़ जाती है। क्‍योंकि दक्षिण एशिया में भारत ही है जो चीन को चुनौती दे सकता है। 

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