मुंबई: भारत में कोरोना वायरस के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसमें लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। जानलेवा वायरस के मामलों की संख्या देश में 4 लाख के पार हो चुकी है और करीब 15 हजार के पास मौत का आंकड़ा पहुंच गया है। इस समय देश में करीब 1.8 लाख कोविड-19 के सक्रिय मामले हैं, जिसमें से कई लोगों की स्थिति नाजुक है और उन्हें श्वसन समर्थन की जरूरत है।
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से हमारे चिकित्सीय ढांचे पर प्रभाव पड़ा है, जिसके चलते उपकरण जैसे- वेंटिलेटर्स और ऑक्सीजन सप्लाई की कमी आई है। और हालांकि चिकित्सा उपकरण निर्माता और कई कंपनियां, जिनमें कई वाहन निर्माता भी शामिल हैं, वेंटिलेटर के उत्पादन को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, फिर भी चीजें पर्याप्त नहीं हैं।
ऐसी स्थिति में शाहनवाज शेख जैसे शख्स ने जरूरतमंदों की मदद करने की ठानी। मुंबई निवासी शाहनवाज कोविड-19 मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर्स बाटकर मदद कर रहे हैं। इंडियाटाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, शाहनवाज ने कोरोना वायरस मरीजों की मदद करने का फैसला किया, विशेषकर जो लोग घर में क्वारंटाइन हो रहे हैं। वो लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर देकर मदद कर रहे हैं। शाहनवाज इस तरह मदद क्यों कर रहे हैं, इसके पीछे है किसी अपने करीबी को खोना।
शाहनवाज ने बताया कि बिजनेस में उनके पार्टनर की बहन गर्भवती थी, उनका निधन हो गया क्योंकि कई अस्पतालों ने उन्हें भर्ती करने से इंकार कर दिया। शाहनवाज के मुताबिक, कुछ अस्पतालों ने मेडिकल उपकरणों की कमी के कारण दोस्त की गर्भवती बहन को भर्ती नहीं किया जबकि अन्य अस्पतालों के पास खाली बिस्तर नहीं थे। शाहनवाज को उनके दोस्त (जो डॉक्टर हैं) ने सलाह दी कि अगर बहन को समय पर ऑक्सीजन मिलता, तो वह बच जाती। इसके बाद शाहनवाज ने कोविड-19 मरीजों की मदद करने का फैसला किया। उन्होंने अपनी फोर्ड एंडेवर एसयूवी कार बेच दी और 60 ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदे व 40 किराए पर लिए। अब तक शाहनवाज 300 कोविड-19 मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर समय पर देकर मदद कर चुके हैं।
शाहनवाज शेख अपने दोस्त अब्बास रिजवी के साथ एक एनजीओ- यूनिटी एंड डिगनिटी भी चला रहे हैं। दोनों को प्रतिदिन करीब 20-25 कॉल आते हैं। यह लोग जरूरतमंदों को प्रक्रिया के मुताबिक मदद पहुंचाते हैं। ये लोग डॉक्टर से सलाह लेते हैं कि मरीज को ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत है, अगर हां, तो वो खुद जाकर उसे सिलेंडर देते हैं। हालांकि, शाहनवाज और रिजवी तभी खुद जाकर सिलेंडर देते हैं जब पूरा परिवार क्वारंटाइन हो और मरीज को ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत हो।