जब बीच मैदान में अपने साथी पर भड़क गए थे सचिन तेंदुलकर, फिर घर में खुद की बज गई थी बैंड!

Sachin Tendulkar and VVS Laxman: सचिन तेंदुलकर ने 1998 में शारजाह में ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ यादगार पारी खेली थी, जिसे 'डेजर्ट स्‍टॉर्म' के नाम से याद रखा जाता है। उस पारी के दौरान एक मजेदार किस्‍सा घटा था।

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सचिन तेंदुलकर 
मुख्य बातें
  • भारतीय टीम को 46 ओवर में 277 रन का संशोधित लक्ष्‍य मिला था
  • सचिन तेंदुलकर ने 131 गेंदों में 143 रन की यादगार पारी खेली थी
  • सचिन तेंदुलकर की पारी की बदौलत भारतीय टीम फाइनल के लिए क्‍वालीफाई करने में कामयाब रही

नई दिल्‍ली: महान बल्‍लेबाज सचिन तेंदुलकर ने 22 साल पहले दर्शकों से खचाखच भरे शारजाह क्रिकेट स्‍टेडियम में ऑस्‍ट्रेलियाई गेंदबाजों की जमकर धुनाई करते हुए एक यादगार पारी खेली थी। मास्‍टर ब्‍लास्‍टर की पारी की बदौलत भारतीय टीम फाइनल में पहुंचने में कामयाब हुई थी, जबकि वह मैच नहीं जीत सकी थी। तेंदुलकर ने शारजाह में 143 रन की ऐतिहासिक पारी खेली थी, जिसे 'डेजर्ट स्‍टॉर्म' के नाम से जाना जाता है।

दरअसल, तेंदुलकर की इस पारी को डेजर्ट स्‍टॉर्म के नाम से इसलिए जाना जाता है क्‍योंकि उन्‍होंने उस दिन एकदम आक्रामक अंदाज में बल्‍लेबाजी की थी। तेंदुलकर ने शेन वॉर्न, डेमियन फ्लेमिंग और माइकल कास्‍प्रोविच जैसे दिग्‍गज गेंदबाजों की जमकर धुनाई की थी। धूल के बवंडर के कारण मैच 25 मिनट तक निलंबित करना पड़ा था। जब खेल दोबारा शुरू हुआ तो भारतीय टीम को 46 ओवर में 277 रन का संशोधित विजयी लक्ष्‍य मिला।

तेंदुलकर की यादगार पारी

सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में 131 गेंदों में 9 चौके और 5 छक्‍के की मदद से 143 रन बनाए थे। भारतीय टीम जीत से 26 रन दूर रह गई थी, लेकिन उसने निर्धारित 237 रन का क्‍वालीफाई मार्क हासिल करके फाइनल में एंट्री कर ली थी। 

लक्ष्‍मण पर भड़क गए तेंदुलकर

इस मैच में ऐसा नजर आ रहा था कि सचिन तेंदुलकर अकेले ही ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ खेल रहे हैं। उन्‍हें दूसरे छोर से अच्‍छा साथ नहीं मिल रहा था। तेंदुलकर की पारी में आक्रमकता और शालीनता दोनों एकसाथ नजर आ रही थी। तेंदुलकर का साथ निभाने वीवीएस लक्ष्‍मण आए। दोनों ने पांचवें विकेट के लिए 104 रन की साझेदारी करके भारतीय टीम को फाइनल के लिए क्‍वालीफाई कराया। पारी के दौरान एक ऐसा पल आया जब तेंदुलकर रन लेने के बाद लक्ष्‍मण पर भड़क गए।

भारतीय टीम को फाइनल में क्‍वालीफाई करने के लिए 32 गेंदों में 25 रन की दरकार थी। पारी का 41वां ओवर चल रहा था। ओवर की पांचवीं गेंद पर फ्लेमिंग का सामना तेंदुलकर कर रहे थे। तेंदुलकर के पैड पर लगकर गेंद प्‍वाइंट की दिशा में गई। तेंदुलकर रन लेने के लिए दौड़ पड़े और आधी क्रीज तक पहुंच गए जब लक्ष्‍मण ने उन्‍हें लौटा दिया। इस पर तेंदुलकर बहुत गुस्‍सा हुए और बीच मैदान में लक्ष्‍मण पर बरस पड़े। लक्ष्‍मण इस पर शांत रहे और तेंदुलकर को कोई जवाब नहीं दिया।

घर जाकर बजी बैंड

तेंदुलकर ने बाद में खुलासा किया था कि लक्ष्‍मण पर गुस्‍सा निकालने के बाद वह जब घर पहुंचे तो बड़े भाई अजित से फटकार सुननी पड़ी थी। तेंदुलकर ने कहा था, 'मैं लक्ष्‍मण पर भड़का। फिर घर पहुंचा तो भाई अजित ने मुझे फटकार लगाई। अजित ने कहा कि तुमने लक्ष्‍मण पर गुस्‍सा क्‍यों निकाला। वह तुम्‍हारी टीम का साथी है। वह तुम्‍हारा समर्थन कर रहा था और तुम उसी पर भड़क गए। मैंने कहा माफी मांगता हूं। अब दोबारा ऐसा कभी नहीं करूंगा।'

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