ईशान किशन मैन ऑफ द मैच की ट्रॉफी लेकर हुए भावुक, इस शख्‍स को पारी की समर्पित

Ishan kishan in India vs England 2nd T20I: ईशान किशन ने रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ शानदार बल्लेबाजी की, जिसकी वजह से उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गए। वह मैन ऑफ द मैच ट्रॉफी मिलने के बाद भावुक हो गए।

Ishan Kishan
आउट होने के बाद ईशान किशन।  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • भारत को इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टी20 में बड़ी जीत मिली
  • भारत की जीत में ईशन किशन ने अहम भूमिका निभाई
  • ईशान तूफानी फिफ्टी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गए

अहमदाबाद: डेब्यूटेंट ईशान किशन ने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टी20 में तूफानी अंदाज में बल्लेबाज की। उन्होंने महज 32 गेंदों में 5 चौकों और 4 शानदार छक्कों की बदौलत 56 रन ठोक डाले। उन्होंने विराट कोहली (नाबाद 73) के साथ दूसरे विकेट के लिए 94 रन की साझेदारी की, जिससे इंग्लैंड बैकफुट पर चला गया। ईशान को बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ मैच चुना गया। ईशान मैन ऑफ मैच की ट्रॉफी मिलने के बाद भावुक हो गए। उन्होंने इस अवॉर्ड को अपने बचपन के कोच के पिता को समर्पित किया। ईशान ने साथ ही इसके पीछे की वजह भी बताई।

'मुझमें इस पारी के लिए बहुत भूख थी'

ईशान किशन ने मैन ऑफ द मैच ट्रॉफी मिलने के बाद कहा, 'मुझे नहीं पता कि मैं इस भावना (भारत के लिए डेब्यू) को कभी दोबारा महसूस कर पाऊंगा। लेकिन वास्तव में मुझे बेहद गर्व हो रहा है और मैं बहुत खुश हूं। मैं अपने सारे कोचों, सीनियर्स और उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने मुझे यहां पहुंचाने में मदद की।' ईशान ने कहा, 'अब खुद को साबित करने का समय आ गया है। मुझमें इस पारी के लिए बहुत भूख थी।' बता दें कि ईशान टी20 अंतरराष्ट्रीय में डेब्यू मैच में अर्धशतक जमाने वाले चौथे बल्लेबाज हैं। उनसे पहले अजिंक्य रहाणे, रॉबिन उथप्पा और रोहित शर्मा ऐसा कर चुके हैं। 

'मैं साबित करना चाहता था, क्योंकि...'

ईशान ने अपनी पारी कोच के दिवंगत पिता को समर्पित करते हुए कहा, 'मेरे कोच के पिता का कुछ दिन पहले निधन हो गया था। यह पारी उनके लिए है। मैं खुद को साबित करना चाहता था, क्योंकि कोच ने कहा था कि तुम्हें मेरे पिता के लिए कम से कम फिफ्टी जड़नी होगी। इसलिए मैं यह मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड उन्हें समर्पित करना चाहता हूं।' वहीं, ईशान ने अपना स्वाभाविक खेल खेलने का श्रेय टीम इंडिया के सीनियर खिलाड़ियों को दिया। उन्होंने कहा कि इसका श्रेय मेरे सीनियर्स को जाता है, जिन्होंने मुझसे कहा जाओ और खुद को व्यक्त करो। एक बेहतरीन टीम के खिलाफअपना पहला मैच खेलना आसान नहीं होता है। मैं मैत खत्म करना चाहता था, लेकिन ऐसा नहिं कर पाया, जिसे मुझे निराश हुई।

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