कोलकाता: भारतीय कप्तान विराट कोहली को ऐतिहासिक डे-नाइट टेस्ट से पहले महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर से एक खास सलाह मिली, जो उनके लिए काफी कारगर साबित हुई और वह बांग्लादेश के खिलाफ ईडन गार्डन्स पर शतक जमाने में कामयाब रहे।
कोहली ने बांग्लादेश पर एक पारी और 46 रन से जीत दर्ज करने के बाद कहा, 'जब अंधेरा होने लगता है तो पिंक बॉल स्विंग और सीम होने लगती है। डे-नाइट टेस्ट के पहले सेशन में आप ऐसे खेल सकते हैं, जैसे लंच से टी टाइम के बीच खेलते हैं। दूसरे सत्र में आपको इस तरह खेलना होता है जैसे सुबह का सत्र हो और आखिरी सत्र बिलकुल चायकाल के बाद स्टंप्स तक वाले सेशन जैसा रहता है।'
इन बदलाव से रणनीति भी कारगर साबित होती है। कप्तान ने बताया, 'योजना बदलती है तो रणनीति और टाइमिंग में भी बदलाव होता है। एक बल्लेबाज के रूप में आपको इस तरह के बदलाव करना होते हैं। अगर आप क्रीज पर जमे हुए हैं और अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं, तो अंधेरा होने यानी लाइट्स चालू होने पर आप मुश्किल से घिर सकते हैं।' कोहली को हालांकि 136 रन की पारी में किसी तरह की मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा। स्पष्ट है कि कोहली ने तेंदुलकर की सलाह का दिल से पालन किया और इसी तरह अपनी योजना बनाई।
31 साल के कोहली का मानना है कि वह भाग्यशाली थे कि उनकी बल्लेबाजी तब आई जब लाइट्स ऑन थी। भारतीय कप्तान ने कहा, 'मैं तब क्रीज पर गया जब लाइट्स ऑन थी। इसलिए मुझे अपनी तकनीक में ज्यादा बदलाव नहीं करने पड़े, लेकिन भविष्य में इसे लेकर चुनौती मिल सकती है।' कोहली ने स्वीकार किया कि दिन का सत्र काफी आसान रहा।
निजी तौर पर कोहली के लिए डे-नाइट टेस्ट का अनुभव बिलकुल अलग रहा। उन्होंने कहा, 'जब मैं बल्लेबाजी करने गया तो लगा कि आईपीएल के मैच जैसा माहौल है। मेरे मन में आया कि पहली ही गेंद से शॉट खेलना शुरू कर दूं। मगर खुद को याद दिलाया कि यह टेस्ट मैच हैं और इतने दर्शक इसे देखने आए हैं। यह आईपीएल का मैच नहीं। फिर उस तरह अपनी बल्लेबाजी में बदलाव किया। गेंद भी पिच पर तेजी से पड़कर आ रही थी।'
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