मुंबई: आईपीएल में रविवार को राजस्थान रॉयल्स ने नवदीप सैनी की जगह तेज गेंदबाज कुलदीप सेन को शामिल किया। ऐसे में हर किसी के मन में ये सवाल उठा कि ये कौन खिलाड़ी है जिसे टीम मैनेजमेंट ने नवदीप सैनी की तुलना में वरीयता दी है। लेकिन 25 साल के इस तेज गेंदबाज ने अपने प्रदर्शन के बल पर खुद से जुड़े हर सवाल का जवाब दे दिया।
मध्यप्रदेश के रीवा में 22 अक्टूबर 1996 को मध्य प्रदेश के रीवा में जन्मे कुलदीप सेन ने को रविवार को लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ आईपीएलडेब्यू का मौका मिला। हाथ आए इस मौके को कुलदीप ने खाली नहीं जाने दिया। उन्होंने आखिरी ओवर में लखनऊ के जबड़े से जीत छीन ली और अपने डेब्यू मैच को हमेशा के लिए यादगार बना लिया। लखनऊ को आखिरी ओवर में जीत के लिए 15 रन बनाने थे लेकिन सेन ने अपने शानदार गेंदबाजी के दम पर केवल 11 रन( 1,0,0,0,4,6) दिए और अपनी टीम को रोमांचक जीत दिलाई।
पिता चलाते हैं सैलून, 8 साल की उम्र में हुई क्रिकेट की शुरुआत
कुलदीप के पिता रामपाल सेन रीवा जिले के करीब हरिहरपुर में एक छोटा सा सैलून चलाते हैं। कुलदीप की प्रतिभा को रीवा के स्थानीय क्रिकेट प्रशिक्षकों ने पहचाना था। कुलदीप के पांच भाई बहन हैं और वो तीसरे स्थान पर हैं। कुलदीप ने 8 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया था। उनकी प्रतिभा को देखते हुए क्रिकेट अकादमी ने उनकी फीस माफ कर दी थी ताकि वो अपने सपने को साकार कर सकें।
कप्तान सैमसन ने जताया भरोसा
राजस्थान के खिलाफ 166 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही लखनऊ सुपर जायंट्स को अंतिम ओवर में जीत के लिए 15 रन की दरकार थी। ऐसे में राजस्थान के कप्तान संजू सैमसन ने मैच बचाने की जिम्मेदारी डेब्युटेंट कुलदीप सेन के कंधों पर डाल दी। कुलदीप को मध्यप्रदेश तेज गेंदबाज आवेश खान और कंगारू ऑलराउंडर मार्कस स्टोइनिस के खिलाफ गेंदबाजी करते हुए ये रन बचाने थे। आखिरी ओवर में गेंदबाजी करने से पहले कुलदीप 3 ओवर में 24 रन देकर 1 विकेट झटक चुके थे। दीपक हुड्डा उनका आईपीएल में पहला शिकार बने।
आखिरी ओवर में कुलदीप ने दिखाया धैर्य और संयम
आत्मविश्वास से लबरेज कुलदीप ने शानदार ढंग से आखिरी ओवर की शुरुआत की। पहले गेंद पर आवेश खान ने भागकर एक रन लिया लेकिन इसके बाद अगली तीन गेंदों पर समझदारी से गेंदबाजी करते हुए कुलदीप ने एक भी रन नहीं दिया और दो गेंद शेष रहते ही टीम की जीत तय कर दी। अंतिम दो गेंदों पर स्टोइनिस ने एक चौका और छक्का जड़ा बावजूद इसके लखनऊ ने 3 रन के अंतर से मैच गंवा दिया।
फेंकी मैच की सबसे तेज गेंद
अपने डेब्यू मैच में कुलदीप 4 ओवर में 36 रन देकर 1 विकेट हासिल करने में सफल रहे। उन्होंने अपनी तेज रफ्तार गेंदों से न केवल प्रभावित किया बल्कि 146.5 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंद भी फेंकी। जो मैच की सबसे तेज गेंद साबित हुई। उन्होंने ये कारनामा मैच में ट्रेंट बोल्ट, प्रसिद्ध कृष्णा जैसे गेंदबाजों की मौजूदगी में किया।
ऐसा रहा है घरेलू क्रिकेट करियर
कुलदीप ने 4 साल पहले 22 साल की उम्र में तमिलनाडु के खिलाफ मध्य प्रदेश के लिए खेलते हुए करियर का आगाज किया था। तब से लेकर अबतक खेले 16 मैच में वो 30.50 के औसत से 44 विकेट झटक चुके हैं। इस दौरान उन्हें 5 लिस्ट ए और 19 टी20 मैच मैच खेले जिसमें 4 और 13 विकेट अपने नाम किए हैं। अपने डेब्यू रणजी सीजन में उन्होंने 25 विकेट लिए थे और पंजाब के खिलाफ पारी में पांच विकेट झटके थे। कुलदीप को राजस्थान ने नीलामी में 20 लाख रुपये में अपनी टीम में शामिल किया था। एक ही मैच में उन्होंने अपनी कीमत वसूल दी है।
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