विकास दुबे के एनकाउंटर की पूरी कहानी, STF की जुबानी- अचानक आया भैसों का झुंड, वाहन पलटा और फिर..

क्राइम
किशोर जोशी
Updated Jul 10, 2020 | 17:55 IST

गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद यूपी पुलिस और एसटीएफ पर तमाम सवाल उठ रहे हैं। अब यूपी एसटीएफ ने बयान जारी कर अपनी तरफ से सफाई देते हुए पूरी कहानी बताई है।

UP STF Released a press statement on Vikas Dubey encounter in Kanpur
यूपी STF ने बताई विकास दुबे के एनकाउंटर की पूरी कहानी 
मुख्य बातें
  • यूपी STF ने बयान जारी कर बताई पूरी कहानी- कैसे विकास दुबे ने छीनी पिस्टल
  • एसटीएफ के अनुसार विकास ने इस दौरान ताबड़तोड़ गोलिया बरसाईं
  • यूपी एसटीएफ ने कहा कि आत्मरक्षा के तहत चलाई गई गोली से हुई विकास की मौत

लखनऊ: गैंगस्टर एवं कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले का मुख्य आरोपी विकास दुबे शुक्रवार सुबह कानपुर के भौती इलाके में कथित पुलिस मुठभेड़ मे मारा गया। पुलिस और एसटीएफ अनुसार उज्जैन से कानपुर लाते समय हुए सड़क हादसे में एक पुलिस वाहन के पलटने के बाद दुबे ने भागने का प्रयास किया। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने इस एनकाउंटर को लेकर एक विस्तृत बयान जारी किया है।

बयान के मुताबिक,  'अभियुक्त को दिनांक 09-07-2020 को एस0टी0एफ0 यूपी की टीम द्वारा उज्जैन से कानपुर सम्बन्धित न्यायालय में प्रस्तुत करने हेतु ले जाने के दौरान जनपद कानपुर में थाना सचेण्डी अन्तर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहन के दुर्घ टनाग्रस्त हो जाने के उपरान्त दुर्दान्त अपराधी द्वारा निरीक्षक श्री रमाकान्त पचैरी से पिस्टल छीनकर भागने का प्रयास करते हुए पुलिस पार्टी पर फायरिंग की गयी, जिस पर पुलिस पार्टी द्वारा आत्मरक्षार्थ संयमित फायरिंग में अपराधी विकास दुबे घायल हो गया, जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।'

यूपी एसटीएफ द्वारा जारी बयान के मुख्य अंश

  1. विकास दुबे के पास से एक सरकारी पिस्टल बरामद हुई जो निरीक्षक रमाकांत पचौरी से छीनी गई थी। इसके अलावा दो खोखा कारतूस भी बरामद हुए।एसटीएफ के बयान के अनुसार, अभियुक्त विकास दुबे को एसटीएफ यूपी, लखनऊ टीम द्वारा पुलिस उपाधीक्षक श्री तेजबहादर सिंह, एसटीएफ के नेतृत्व में सरकारी वाहन से लाया जा रहा था।
  2. यात्रा के दौरान जनपद कानपुर नगर के सचेण्डी थाना क्षेत्रान्तर्गत कन्हैया लाल अस्पताल के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग थाना सचेण्डी, कानपुर के पास पहुंचे थे कि अचानक गाय भैंसो का झुण्ड भागता हुआ मार्ग पर आ गया। लम्बी यात्रा से थके हुए चालक द्वारा इन जानवरों से दुर्घटना को बचाने के लिए अपने वाहन को अचानक से मोड़ने पर वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया।
  3. अचानक हुई इस घटना से इस वाहन में बैठे हुए पुलिस अधिकारियों/कर्मियों (निरीक्षक रमाकान्त पचैरी, एसआई पंकज सिंह अनूप सिंह, आरक्षी सत्यवीर, आरक्षी प्रदीप कुमार) को गम्भीर चोर्टे आईं  तथा क्षणिक रूप से अर्धचेतनावस्था में चले जाने के कारण साथ में बैठा दुस्साहसी दुर्दान्त अपराधी विकास दुबे अचानक घटित हुई इस परिस्थिति का लाभ उठाकर घायल निरीक्षक रमाकान्त पचैरी की सरकारी पिस्टल को झटके से खींच लिया तथा दुर्घटना ग्रस्त सरकारी वाहन से निकलकर कच्चे मार्ग पर भागने लगा।
  4. पीछे से आर रहे दूसरे सरकारी वाहन में बैठे पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ, यूपी, तेजबहादर सिंह मय हमराही दुर्घटना ग्रस्त वाहन के पास पहुंचे। दुर्घटना ग्रस्त वाहन के घायल पुलिस कर्मियों द्वारा बताया गया कि विकास दुबे अचानक हुई सडक दुर्घटना की परिस्थितियों का लाभ उठाकर निरीक्षक रमाकान्त पचैरी की सरकारी पिस्टल छीनकर कच्ची सड़क की तरफ फरार हो गया।
  5. इसे उपरान्त तत्काल फरार अपराधी विकास दूबे का पीछा किया गया तो विकास दुबे द्वारा पुलिस पार्टी पर जान से मारने की नियत से पुलिस से छीनी गयी पिस्टल से फायर करने लगा, अभियुक्त को जिन्दा पकड़ने का भरपूर प्रयास करने के उद्देश्य से उसके काफी निकट पहुंच गये परन्तु विकास दुबे अन्तिम क्षणों में पुलिस कर्मियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगा। अन्य कोई विकल्प न होने की दशा में पुलिस दल द्वारा भी आत्मरक्षार्थ एवं कर्तव्य पालनार्थ नियंत्रित फायर किया गया।
  6. जिसमें अभियुक्त विकास दुबे पुलिस द्वारा जबाबी कार्यवाही में गोली लगन से घायल होकर गिर गया। जिसे तत्काल प्राथमिक उपचार के उपरान्त पुलिस द्वारा सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सको द्वारा परिक्षणोपरान्त मृत घोषित कर दिया गया।
  7. विकास दुबे द्वारा की गयी फायरिंग में एसटीएफ, उ0प्र0 के मुख्य आरक्षी शिवेंन्द्र सिंह सेंगर व आरक्षी विमल यादव घायल हो गये, जिनका उपचार चल रहा है।
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