Delhi Politics: दिल्ली की राजनीति में इधर कुछ ठीक नहीं चल रहा है, दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना और दिल्ली के सीएम केजरीवाल के बीच कुछ मुद्दों को लेकर तल्खियां सामने आने की बात कही जा रही है, गौर हो कि एलजी ने अभी अरविंद केजरीवाल सरकार की विवादास्पद दिल्ली आबकारी नीति की सीबीआई जांच की सिफारिश की है।
वहीं दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का कहना है कि "केंद्र ने केजरीवाल सरकार के वन महोत्सव कार्यक्रम का श्रेय लेने की कोशिश की, दिल्ली पुलिस ने कार्यक्रम स्थल पर प्रधानमंत्री मोदी के पोस्टर लगाए, केजरीवाल सरकार के कार्यक्रम को प्रधानमंत्री मोदी का राजनीतिक कार्यक्रम बना दिया गया है। मैंने और दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में भाग नहीं लेने का फैसला किया है"
केजरीवाल सरकार और LG का झगड़ा और बढ़ा
केजरीवाल सरकार का आरोप- 'दिल्ली सरकार के कार्यक्रम में जबरन लगाए जा रहे PM मोदी के पोस्टर','दिल्ली पुलिस ने कार्यक्रम से पहले लगाए PM के पोस्टर, कहा- फ़ोटो हटाया तो कार्रवाई होगी',दिल्ली सरकार का 'वन महोत्सव' कार्यक्रम था जिसमे CM केजरीवाल और LG दोनों को आना था।
गोपाल राय ने कहा- 'पुलिस ने स्टेज कब्जे पर में लिया और कार्यक्रम के बैनर की जगह मोदी जी की फ़ोटो वाला बैनर लगाया गया और कहा कि इसको हटाया तो कार्रवाई होगी।' गौर हो कि दिल्ली में 11 जुलाई से वन महोत्सव चल रहा था जिसके तहत दिल्ली में वृक्षारोपण चल रहा था,आज वन महोत्सव का समापन था,असोला भाटी में कार्यक्रम रखा था जिसमे एलजी-सीएम दोनों को शामिल होना था
LG और दिल्ली सरकार के बीच "एक्साइज पॉलिसी" पर तकरार बनने के आसार बढ़े
गौर हो कि दिल्ली में एलजी और सरकार के बीच एक्साइज पॉलिसी पर तकरार बनने के आसार बढ़ गए हैं। एलजी ने मुख्य सचिव, डीटी की एक रिपोर्ट के बाद, केजरीवाल सरकार की विवादास्पद दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। 08.07.2022 ने वर्ष के लिए शराब लाइसेंसधारियों को पोस्ट टेंडर अनुचित लाभ प्रदान करने के लिए जानबूझकर और सकल प्रक्रियात्मक चूक के अलावा जीएनसीटीडी अधिनियम 1991, व्यापार नियमों का लेनदेन (टीओबीआर) 1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम 2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम 2010 के प्रथम दृष्टया उल्लंघन की स्थापना की।
ये मुख्य रूप से शीर्ष राजनीतिक स्तर पर वित्तीय क्विड प्रो क्वो का संकेत देते हैं, जिसमें आबकारी विभाग के प्रभारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने लिया और निष्पादित किया गया, वैधानिक प्रावधानों और अधिसूचित आबकारी नीति के उल्लंघन में बड़े निर्णय/कार्रवाइयां जो कि भारी थीं वित्तीय सम्भावनाए। उन्होंने निविदाएं दिए जाने के बाद भी शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित वित्तीय सहायता प्रदान की और इस तरह राजकोष को भारी नुकसान हुआ।
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