नई दिल्ली. हरी बीन्स की एक नहीं कई वेरायटी आती हैं। ये सारी ही वेरायटियां भले ही देखने में अलग हों, लेकिन इनका स्वाद और फायदा लगभग एक ही होता है। स्ट्रिंग बीन्स, फ्रेंच बीन्स या स्नैप बीन्स जो भी आपके पास उपलब्ध हो उसे अपनी डाइट का हिस्सा बना लें।
ये सारी ही बीन्स विटामिन ए, सी, और विटमानि के से भरपूर होती हैं। साथ ही इसमें फोलिक एसिड और कैल्शियम और फाइबर की मात्रा भी खूब होती है। इसके फायदों को देखते हुए ही बीन्स को हीलिंग फूड्स तक कहा गया है।
पालक की तुलना में ग्रीन बीन्स में लगभग दोगुना आयरन होता है। आयरन लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाता है जो फेफड़ों से ऑक्सीजन को पूरे शरीर में कोशिकाओं तक पहुंचाने में मददगार होते हैं। यदि आप एनीमिया ग्रस्त हैं, आपको थकवाट रहती हो या लो एनर्जी फिल होती हो या आपका मेटाबॉलिक रेट काफी कम हो तो आपके लिए ग्रीन बीन्स अमृत के समान हैं।
स्किन, बालों और नाखूनों के लिए फायेदमंद
ग्रीन बीन्स न्यूट्रीएंट्स का पावरहाउस है। ये स्किन,बालों और नाखूनों के लिए बहुत काम आती है। स्किन ही नहीं बाल और नाखून भी इससे चमकदार और मजबूत होते हैं। बीन्स सिलिकॉन से भरी होती है, जो स्वस्थ संयोजी ऊतकों के निर्माण और नाखूनों को मजबूती देने के साथ स्किन के लचीलेपन को बढ़ाता है।
बीन्स क्योंकि विटामिन के से भरे होते हैं इसलिए ये ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों से जुड़ी बीमारियों को दूर रखने में मददगार है। ये बोन मैरो को सक्रिय करती है जो हड्डियों में पाया जाने वाला मुख्य कोलेजन प्रोटीन है। यह यौगिक हड्डी के अंदर कैल्शियम अणुओं को एक साथ लॉक करता है, जिससे हड्डियों को अंदर से मजबूती मिलती है।
हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है
ग्रीन बीन्स में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम होता है साथ ही दिल को सुरक्षित रखने वाला फ्लेवोनोइड्स भी इसमें बहुत होता है। फ्लेवोनोइड पॉलीफेनोलिक एंटीऑक्सिडेंट हैं, जो आमतौर पर फलों और सब्जियों में पाया जाता है।
फ्लेवोनोइड्स की उच्च मात्रा एंटीइंफ्लेमेट्री गुणों से भरी होती है। इससे शरीर की कोशिकाओं में थ्रोम्बोटिक गतिविधि नियंत्रित होती है और धमनियों में ब्लड के थक्के नहीं बन पाते। कैरोटिनॉयड्स से भरपूर ग्रीन बीन्स मैक्यूलर डिजनरेशन यानी आंखों से बेहद कम दिखना जैसी दिक्कतों को दूर करने में कारगर है।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)