'Quad' की बैठक से पहले अमेरिका का बयान, कोरोना वैक्सीन और आपसी रिश्ते पर जोर अहम

देश
आलोक राव
Updated Mar 12, 2021 | 16:42 IST

'Quad' की बैठक में कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति सहित कई क्षेत्रीय मुद्दों एवं आपसी सहयोग के मु्ददों पर चर्चा हो सकती है। हिंद महासागर में चीन के बढ़ते दबदबे एवं उसके प्रभाव को कम करने के लिए यह समूह बना है।

'Quad' Virtual meet today : Covid vaccines, indo pacific region to top the agenda
'Quad' बैठक में पहली बार मिलेंगे PM मोदी, बाइडेन, मॉरिसन-सुगा। 
मुख्य बातें
  • आज वर्चुअल बैठक में पहली बार मिलेंगे क्वाड देशों के राष्ट्र प्रमुख
  • इस बैठक में पीएम मोदी, जो बाइडन, स्कॉट मॉरिसन, सुगा होंगे शामिल
  • बैठक में कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति पर बन सकती है ठोस रणनीति

नई दिल्ली : क्वाड समूह के देशों की शुक्रवार को होने वाली वर्चुअल बैठक पर दुनिया भर की नजर टिकी है। इस बैठक में दुनिया के चार शक्तिशाली देशों भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री  योशिहिदे सुगा शामिल होंगे। यह बैठक अहम इसलिए है क्योंकि 2007 में इस समूह के गठन के बाद चार देशों के राष्ट्रध्यक्षों की यह पहली मुलाकात है। समझा जाता है कि एशिया एवं हिंद महासागर में चीन के बढ़ते दबदबे एवं उसके प्रभाव को कम करने के लिए इस समूह का गठन हुआ है। इस बैठक में कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति सहित कई क्षेत्रीय मुद्दों एवं आपसी सहयोग के मु्ददों पर चर्चा हो सकती है।  

जो बिडेन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि  संयुक्त राज्य अमेरिका अन्य "समान विचारधारा वाले" लोकतंत्रों के साथ कोविड 19 वैक्सीन उत्पादन क्षमता के विस्तार के लिए 'ऐतिहासिक समझौते' की घोषणा करने की संभावना है, जो भारत से आने वाले COVID-19 टीकों की आपूर्ति के विस्तार करने पर नजर रखेगा। इस तरह की उम्मीद है कि क्वाड एक वरिष्ठ स्तर का क्वाड वैक्सीन विशेषज्ञ समूह और यह सहयोग के निर्माण की आदतों का एक हिस्सा है जो कि QUAD के प्रमुख फोकस में से एक है।

पीएम मोदी, जापानी पीएम, अमेरिकी राष्ट्रपति और ऑस्ट्रेलियाई पीएम रणनीतिक मुद्दों पर कई विचार करेंगे जो उनके लिए महत्वपूर्ण हैं और "इंडो-पैसिफिक मुक्त और खुले" की उनकी अवधारणाओं के बारे में बात करते हैं। निजी चर्चा में क्वाड नेता कुछ चिंताओं के बारे में खुलेंगे। और मुझे विश्वास है कि वैश्विक मंच पर चीन की भूमिका के बारे में एक ईमानदार, खुली चर्चा होगी।

कोरोना टीका निर्माण में अग्रणी देश के रूप में उभरा है भारत
रिपोर्टों में कहा गया है कि कोरोना वैक्सीन का निर्माण करने में भारत एक अग्रणी देश में उभरा है। दुनिया भर के देशों में उसके टीके की आपूर्ति हो रही है। इसे देखते हुए टीके का उत्पादन बड़ी मात्रा में करने के लिए क्वाड के देश नई दिल्ली का सहयोग करने के लिए आगे आ सकते हैं। यही नहीं, इस बारे में एक वित्तीय समझौता भी हो सकता है। अमेरिकी दवा कंपनियों नोवावैक्स और जॉनसन एंड जॉनसन के साथ भारतीय टीका निर्माता कंपनियों के साथ वित्तीय समझौते पर सहमति बन सकती है। यही नहीं कोरोना वायरस के नए स्वरूप से लड़ने, टीकाकरण की प्रक्रिया तेज करने पर रणनीति की घोषणा भी हो सकती है। 

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आपसी सहयोग पर हो सकती है चर्चा
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, 'क्वाड समूह के नेता साझा हित से जुड़े क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा इस वर्चुअल बैठक में एक समावेशी, खुले एवं स्वतंत्र हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति बनाए रखने के लिए सहयोग के क्षेत्रों में चारों देश अपने विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।'

क्या है क्वाड
क्वाड 'क्वाड्रिलेट्रेल सेक्युरिटी डॉयलॉग' का संक्षिप्त रूप है। यह भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का एक अनौपचारिक रणनीतिक समूह है। हालांकि इस समूह का गठन साल 2007 में हुआ लेकिन 2008 में ऑस्ट्रेलिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री केविन रूड के समूह से पीछे हट जाने के बाद क्वाड की गतिविधि करीब एक दशक तक ठंडे बस्ते में रही। चीन की आक्रामकता को जवाब देने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई में यह समूह साल 2017 में एक बार फिर सक्रिय हुआ। समूह की बैठक समय-समय पर होती रही है लेकिन यह पहली बार है जब चारों देशों के राष्ट्र प्रमुख मिल रहे हैं। 

चीन को पसंद नहीं आई यह बैठक
क्वाड को चीन के बढ़ते प्रभाव को करने एवं उसकी महात्वाकांक्षा पर लगाम लगाने के लिए एक मंच के रूप में देखा जाता है लेकिन शुक्रवार को होने वाली बैठक में बीजिंग के बारे में प्रत्यक्ष रूप से कुछ नहीं कहा गया है। हालांकि, चीन को यह बैठक पसंद नहीं आई है और उसने इसकी आलोचन की है। चीन के सरकार मुख पत्र 'ग्लोबल टाइम्स' ने इस समूह को 'केवल बात करने वालों का क्लब' करार दिया है। अखबार में चीन के विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि इस समूह के नेता क्वाड के हितों की बजाय अपने हितों पर चर्चा कर सकते हैं। 

चीन की 'वैक्सीन डिप्लोमेसी' को लगेगा झटका
समझा जाता है कि कोरोना वैक्सीन पर क्वाड देश यदि किसी रणनीति पर पहुंचते हैं तो इससे खासतौर पर एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन की 'वैक्सीन डिप्लोमेसी' को झटका लगेगा। चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि वह तत्काल जरूरत के तहत 69 विकासशील देशों को अपनी वैक्सीन की आपूर्ति करेगा। वह 43 देशों में टीका का निर्यात कर रहा है।    

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