संसद से पारित हो जाने पर CAB को लागू करने के लिए बाध्य होंगी ममता बनर्जी : राम माधव

देश
आलोक राव
Updated Dec 09, 2019 | 19:17 IST

Ram Madhav on Mamata Banerjee : भाजपा नेता ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक को लागू करने से यदि ममता बनर्जी इंकार करती हैं तो सरकार आगे की कार्रवाई पर फैसला करेगी।

 Ram Madhav Says Mamata Banerjee is duty bound to implement every act of constitution, संसद से पारित हो जाने पर CAB को लागू करने के लिए बाध्य होंगी ममता बनर्जी : राम माधव
CAB : भाजपा महासचिव राम माधव ने ममता बनर्जी पर साधा निशाना।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • लोकसभा में चर्चा के लिए पेश हुआ है नागरिकता संशोधन विधेयक, विपक्ष कर रहा है विरोध
  • पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यकों को मिलेगी भारतीय नागरिकता
  • माधव ने कहा-संसद से विधेयक के पारित हो जाने के बाद इस कानूुन को लागू करने के लिए बाध्य होंगी ममता

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव राम माधव ने सोमवार को कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भारतीय संविधान के प्रत्येक प्रावधान एवं कानून को लागू करने के लिए बाध्य हैं। नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) के ममता के विरोध पर माधव ने यह प्रतिक्रिया दी। माधव ने समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में कहा, 'जहां तक ममता बनर्जी की बात है, संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होगा। पारित हो जाने के बाद यह कानून बन जाएगा। एक राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में ममता बनर्जी संविधान के प्रत्येक कानून एवं प्रावधान को लागू करने के लिए बाध्य होंगी।'  

भाजपा नेता ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक को लागू करने से यदि ममता बनर्जी इंकार करती हैं तो सरकार आगे की कार्रवाई पर फैसला करेगी। माधव ने कहा, 'नागरिकता संशोधन विधेयक पर विपक्षी पार्टियों के तर्क गुमराह करने वाले और गलत हैं। यह विधेयक किसी को बाहर करने की बात नहीं करता है। इस विधेयक में पिछले सात सालों में भारत आए अल्पसंख्यक समुदायों को शामिल करने की बात कही गई है।'

माधव ने कहा, 'यह ऐतिहासिक तथ्य है कि देश के विभाजन के बाद और बांग्लादेश के गठन के उपरांत हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई जैसे अल्पसंख्यक समुदाय भारत में आए। इन दोनों अवसरों पर हमने उन्हें समाज की मुख्य धारा में शामिल करने का वादा किया। हम पिछली सरकारों के वादों को पूरा करने का काम कर रहे हैं। यह विधेयक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित होकर आने वाले अल्पसंख्यकों के लिए है। वे भारत आकर यहां की नागरिकता का दावा कर सकते हैं।'

बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए इसे लोकसभा में पेश किया। विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह बिल संविधान के अनुच्छेद 14 की भावना का विरोध करता है। जवाब में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस विधेयक के पीछे सरकार की कोई राजनीतिक मंशा नहीं है और तीन देशों से प्रताड़ित होकर भारत आने वाले अल्पसंख्यक समुदायों को यह विधेयक नागरिकता प्रदान करेगा।

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