Ashok Tanwar: हरियाणा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, अशोक तंवर ने पार्टी छोड़ी

हरियाणा चुनाव
Updated Oct 05, 2019 | 16:08 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

हरियाणा में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी के वरिष्‍ठ नेता अशोक तंवर ने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है। उन्‍होंने यह भी कहा कि उनके इस फैसले की वजह कांग्रेस नेतृत्‍व जानता है।

Ashok Tanwar
अशोक तंवर ने कांग्रेस से इस्‍तीफा दे दिया है  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • हरियाणा में अशोक तंवर ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है
  • विधानसभा चुनाव से पहले इसे कांग्रेस के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है
  • कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए उन्‍हें स्‍टार प्रचारक बनाया था

चंडीगढ़ : हरियाणा में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्‍ठ नेता व पूर्व प्रदेश अध्‍यक्ष अशोक तंवर ने पार्टी की प्राथमिक सदस्‍यता से इस्‍तीफा दे दिया है। शनिवार को ट्वीट कर उन्‍होंने इसकी जानकारी दी। तंवर हाल ही में कांग्रेस पर 5 करोड़ में टिकट बेचने का आरोप लगाने के बाद सुर्खियों में आए थे।

अपने ट्वीट में उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं से लंबे विचार-विमर्श के बाद उन्‍होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला लिया और आम लोगों से लेकर पार्टी का शीर्ष नेतृत्‍व भी इससे अच्‍छी तरह वाकिफ है कि उन्‍होंने आखिर यह कदम क्‍यों उठाया। तंवर ने बीते दिनों कांग्रेस नेतृत्‍व पर पुराने लोगों की उपेक्षा कर नए लोगों को टिकट देने का आरोप भी लगाया था।

सोहना विधानसभा सीट के लिए कांग्रेस का टिकट 5 करोड़ रुपये में बेचने का आरोप लगाते हुए उन्‍होंने यह भी कहा कि हरियाणा में पार्टी का नेतृत्‍व खत्‍म हो चुका है और बीते 5 वर्षों तक पार्टी के लिए खून-पसीना बहाने के बावजूद टिकट उन्‍हें दिया गया, जो हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए, जबकि पूर्व में वे पार्टी की आलोचना किया करते थे।

पूरे मामले से नाराज तंवर ने कहा कि सिस्‍टम में बैठे लोग जनता का शोषण करते हैं, एसी रूम में बैठे रहते हैं, विदेश दौरों पर जाते हैं, 5 साल तक पैसा कमाते हैं, लेकिन चुनाव से ठीक पहले वे सामने आ जाते हैं, जैसे कि वे देवी-देवता हों। लेकिन उनके कर्म देवी-देवताओं जैसे नहीं, बल्कि राक्षसों जैसे हैं।

कांग्रेस से तंवर का इस्‍तीफा ऐसे समय में आया है, जबकि प्रदेश नेतृत्‍व में बदलाव के बावजूद पार्टी ने उन्‍हें हरियाणा विधानसभा के लिए स्‍टार प्रचारकों की सूची में रखा था। हरियाणा कांग्रेस में तंवर और पूर्व मुख्‍यमंत्री व वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच तनातनी जाहिर है। बताया जाता है कि हरियाणा में चुनावी गहमागहमी के बीच हुड्डा ने शीर्ष नेतृत्‍व पर तंवर को प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष के पद से हटाने का दबाव बनाया था।

इसके बाद ही पार्टी हाईकमान ने तंवर की जगह कुमारी सैलजा को हरियाणा कांग्रेस की अध्‍यक्ष बनाया। इससे तंवर के समर्थक नाराज थे और उन्‍होंने दिल्‍ली में पार्टी की अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के आवास के बाहर प्रदर्शन भी किया था। लेकिन उन्‍हें स्‍टार प्रचारकों की सूची में रखकर पार्टी ने यह संदेश देने का प्रयास किया कि कांग्रेस में तंवर की भूमिका को कमतर नहीं किया जा रहा है, पर इससे तंवर और उनके समर्थकों की नाराजगी खत्‍म नहीं हुई।

तंवर का खेमा इन सबसे नाराज बताया जा रहा है। उन्‍होंने हरियाणा कांग्रेस नेतृत्‍व पर टिकट की खरीद-फरोख्‍त और इस क्रम में मेहनती पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप भी लगाया। हालांकि इन आरोपों को खारिज करते हुए सैलजा ने कहा कि उम्‍मीदवारों के चयन के लिए पार्टी की एक प्रक्रिया है और वही टिकट बंटवारे का आधार है। उन्‍होंने यह भी कहा कि कांग्रेस किसी एक व्‍यक्ति की पार्टी नहीं है और यह एक विचारधारा के आधार पर काम करने वाली पार्टी है।

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