लॉकडाउन में इस तरह बच्चों में किताबें पढ़ने की आदत लगाएं, ताकी किताबों से न बन जाए दूरी

Reading habits in kids: लॉकडाउन जैसे माहौल में घर के अंदर रहना काफी मुश्किल है, लेकिन उससे भी मुश्किल है बच्चों को समझाना। ऐसी परिस्थिति में बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी घर के अंदर रहना बेहद जरूरी है।

Reading habits in kids
Reading habits in kids 
मुख्य बातें
  • लॉकडाउन में बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी घर में रहने को मजबूर हैं।
  • घर पर रहते हुए बच्चों में किताबें पढ़ने की आदत को विकसित करें।
  • इस तरह आप अपने बच्चों में गुड रीडर बना सकते हैं।

कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए कई देशों में लॉकडाउन है। ऐसी परिस्थिति में सभी लोग घरों में रहने को मजबूर है। माता-पिता के मुताबिक बच्चों को घर में संभाल कर रखना काफी मुश्किल काम है। वहीं इस बीच बच्चे नेगिटिव न हो और उनपर बुरा असर न पड़े, इसको जानना भी बेहद आवश्यक है। वहीं ऐसी स्थिति में माता-पिता को बच्चों को अच्छी किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। एक बच्चे में अच्छी किताबें पढ़ने की आदतों को बढ़ाना कई मायनों में फायदेमंद है।

माता-पिता न सिर्फ बच्चों को अच्छी शिक्षा देते हैं बल्कि सही-गलत की पहचान कराने में भी अपना योगदान देते हैं। किताबे पढ़ने से बच्चों की न सिर्फ भाषा अच्छी होती है, बल्कि मजबूत सोच को बढ़ावा देता है। आजकल के बच्चे पहले की तुलना में काफी आकर्षित है, छोटी सी उम्र में वह गैजेट, टीवी और दुनिया की कई अटपटी बातों से अवगत होते हैं। ऐसे में किताबे पढ़ने की आदत उनके स्किल को और विकसित करेगा। अगर आप भी अपने बच्चों में गुड रीडर की क्वालिटी देखना चाहते हैं, तो इन टिप्स की मदद से उनमें किताब पढ़ने की आदत को विकसित करें।

  • अपनी लाइब्रेरी में ले जाएं- कई लोग होते हैं, जो अपनी घर में किताबों की लाइब्रेरी बनाते हैं, ऐसे में वहां अपने बच्चों को भी ले जाएं। इससे उसे किताबों में ज्यादा दिलचस्पी होगी और लाइब्रेरी देखकर वह उसे किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित होगें।
  • बच्चे जब पढ़ें तो उन्हें ध्यान से सुने- अगर आपके बच्चे जब भी कुछ पढ़ते हैं तो उन्हें ध्यान से सुने। गलतियां होने पर उन्हें टोके और बताएं। अगर वह अच्छा पढ़ रहे हैं तो उनकी तारीफ करना न भूले, इससे उनमें आत्मविश्वास आएगा।
  • सवाल करें- अगर बच्चे कुछ पढ़ रहे हैं तो इस बीच उनसे सवाल करते रहें। इस तरह वह फोकस रहेंगे और जो पढ़ रहे हैं उसमें उनकी दिलचस्पी भी बनी रहेगी। इस दौरान आप कहानी से जुड़े सवाल कर सकते हैं, या फिर अपने बच्चे से पूछ सकते हैं कि कहानी से क्या समझ आया। आखिर में अपने बच्चों को कहानी के मोरल के बारे में बताना न भूले।  
  • अपनी पसंदीदा किताब को दोबारा पढ़ें- बच्चों के पसंदीदा किताबों को दोबारा पढ़ने में कोई बुराई नहीं है। यह आपके बच्चे को आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करेगा और कहानी को अच्छी तरह से समझेंगे और बार-बार पढ़ने के लिए दिलचस्पी पैदा होगी।
  • बच्चों के सामने खुद भी पढ़ें- बच्चों के सामने खुद भी पढ़ें किताब। इस तरह उनमें किताब पढ़ने की दिलचस्पी पैदा होगी, इसके अलावा आप बच्चों को अपने साथ किताब पढ़ने में शामिल कर सकते हैं। इस तरह दोनों एकदूसरे की कंपनी को एन्जॉय करेंगे।
  • बच्चों के इंटरेस्ट की किताब पढ़ें- बच्चों को मैग्जीन, कविताएं या फिर दूसरी ऐसी किताबे पढ़ने के लिए फोर्स न करें, जिसमें उनकी दिलचस्पी नहीं है। हमेशा उनकी पसंद की किताबों को उठाएं, इससे उनकी दिलचस्पी बनी रहेगी। इसके अलावा उस किताब को चुने जिसे वह पढ़ना चाहते हैं।
  • चित्र वाली किताबों को पढ़ें- अगर आपका बच्चा बेहद छोटा है, तो आप ऐसी किताबें उठाएं, जिसमें चित्र बने हो। इस तरह बच्चे पढ़ने के अलावा पिक्चर देखकर अधिक समझेंगे। इसके अलावा वह बोर नहीं होंगे।
  • अलग-अलग किताबों को पढ़ने के लिए प्रेरित करें- आपको पता होना चाहिए कि आपके बच्चे क्या पसंद करते हैं। लेकिन उनमें अलग-अलग किताबों को पढ़ने की दिलचस्पी जगाए।  जैसे साइंस, मिस्ट्री, कॉमिक आदि। उनकी रुचियों के बारे में जानें और पढ़ें कि वे किस विषय में रुचि रखते हैं।
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