International Yoga Day 2020: कुछ ही दिनों बाद 21 जून को इंटरनेशनल योगा डे मनाया जाएगा। योगा डे के छठवें संस्करण में इस बार की थीम कुछ अलग रखी गई है। इस बार की थीम है- घर पर ही अपने परिवार के साथ करें योगा (Yoga at home with family members)। प्रधानमंत्री ने हाल ही में अपने मन की बात में योगा डे को लेकर एक इवेंट लॉन्च किया था जिसका नाम था- My Life My Yoga इसके जरिए उन्होंने लोगों से लॉकडाउन में अपने आप को योगा के जरिए फिट रखने की अपील की थी।
आयुष मंत्रालय ने भी अपने एक बयान में कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण इंटरनेशनल योगा डे इस बार घर पर ही मनाया जाएगा। कोविड-19 के बढ़ते खतरे को देखते हुए किसी भी प्रकार की पब्लिक या सोशल गैदरिंग नहीं की जाएगी। इसलिए लोगों को अपने घरों पर ही अपने परिवार के साथ मिलकर योगा करने की अपील की गई है।
पीएम मोदी ने इस संबंध में एक वीडियो ब्लॉगिंग कॉम्पटीशन इवेंट लॉन्च करते हुए लोगों से अपनी योगा की वीडियो पोस्ट करने की अपील की है और इस कॉम्पटीशन में हिस्सा लेने को कहा है।
इस बार के योगा डे की थीम का मकसद ये है कि लोगों की पर्सनल जिंदगी तक इसके महत्व को समझाया जाए। आपको बता दें कि 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदीने व्यक्तिगत रुचि लेते हुए योगा को लेकर जागरुकता बढ़ाने का काम किया। और फिर पीएम मोदी के इसी प्रयास को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र (UN) ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योगा डे घोषित कर दिया।
परिवार के साथ मिलकर करें ये आसान योगा
नाड़ी शोधन
इसमें अपने पैरों को क्रॉस करके बैठना होता है, रीढ़ की हड्डी सीधी होती है। अंगूठे से अपने दायें नाक की छिद्र को दबाएं और बायें नाक से श्वास बाहर निकालें। इस प्रक्रिया को दूसरी तरफ से भी दोहराएं। अब इस पूरी प्रक्रिया को 10-15 मिनट तक बार-बार दोहराएं।
उज्जयी प्राणायाम
इसमें समुद्र की लहरों के जैसे सांसों से आवाज निकालना है। इससे काफी रिलैक्स मिलता है। उसी आसन में बैठे रहें अब जोर से सांस लें ताकि गले तक से आवाज आए। दूसरे चरण में अपने मुंह को बंद रखें और नाक से सांस बाहर छोड़ें। इसे कुल 10-15 बार करें।
कपालभाति
इसमें भी आपको उसी आसन में बैठना है। सामान्य तरीके से 2-3 बार सांस लें। इसके बाद आपको जोर से सांस अंदर लेना है और उतने ही जोर से बार छोड़ना है। आपके सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया का असर यहां आपके पेट पर दिखना चाहिए। इस क्रिया को 20-30 बार करें।
अनुलोम-विलोम
इसमें दो तरह की क्रिया की जाती है। पहले भाग में आपको सांस लेना है और उसे थोड़ी देर तक रोक कर रखना है और फिर दूसरे भाग में आपको सांस छोड़कर थोड़ी देर रुकना है। इसी प्रक्रिया को 5-6 बार दोहराते रहें। ये विलोम प्राणायाम के जैसा ही होता है। इसमें भी दोनों नाकों से बारी बारी से सांस लेना और छोड़ना होता है। एक से सांस लेते समय दूसरे नाक के छिद्र को पूरी तरह से बंद रखें इसी प्रक्रिया को दूसरी नाक से भी सांस लेने के दौरान अपनाएं।