Lord Ganesha: मूर्ति या प्रतिमा में किस तरफ रहनी चाहिए भगवान गणेश की सूंड, जानें क्या होता है इसका लाभ

Right Place Of Ganesha Trunk: अपने घर में हमेशा वही गणेश लाएं जिनकी सूंड बायीं तरफ झुकी हुई हो। अपने पूजा घर में गणेश जी की केवल एक ही मूर्ति रखें। दो या उससे ज्यादा गणेश जी रखने पर उनकी पत्नी रिद्धि सिद्धि नाराज होती हैं। साथ ही वास्तु दोष भी पनपने लगते है।

Lord Ganesha Trunk
RIght Place of Lord ganesha Trunk 
मुख्य बातें
  • सीधी सूंड वाले गणेश जी की प्रतिमा दुर्लभ होती है
  • घर मे रिद्धि सिद्धि का वास होता है
  • माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है

Lord Ganesh Trunk: हिन्दू मान्यताओं व शास्त्रों में ऐसा कहा गया है। कोई भी काम शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा जरूर की जाती है। ऐसा माना जाता है कि उन्हें उनके पिता महादेव से यह वरदान प्राप्त है कि जब तक भगवान गणेश की पूजा नहीं होती तब तक किसी भी देवता की पूजा स्वीकार नहीं होगी। गणेश पूजन के बाद ही किसी भी तरह की पूजा या कार्य की शुरुआत की जाती है। जब भी गणेश जी की मूर्ति तस्वीर प्रतिमा हम अपने यहां लाते है। तब हमेशा भगवान गणेश की प्रतिमा लाने से पूर्व या घर में स्थापना करने से पूर्व यह सवाल मन में आता है कि गणेश जी की सूंड किस तरफ होनी चाहिए। क्योंकि गणेश जी की सूंड दोनों ही तरफ मुड़ी हुई तमाम मूर्तियों में देखी जा सकती है। मतलब दाई तरफ भी बाई तरफ भी। देशभर में गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर ज्यादातर लोग अपने घर पर गणपति लाते हैं ताकि उनके आशीर्वाद से जीवन में मंगल बना रहे। इस अवसर पर भगवान गणेश के भक्त उनकी मनमोहक प्रतिमा चुनकर घर में स्थापित करते हैं।

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जानिए किस तरफ की सूंड लाभदायी होती है

क्या कभी आपने ध्यान दिया है। भगवान गणेश की तस्वीरों और मूर्तियों में उनकी सूंड दाई या कुछ में बाई ओर होती है। सीधी सूंड वाले गणेश भगवान दुर्लभ हैं। इनकी एकतरफ मुड़ी हुई सूंड के कारण ही गणेश जी को वक्रतुण्ड कहा जाता है। भगवान गणेश के वक्रतुंड स्वरूप के भी कई भेद हैं। कुछ मुर्तियों में गणेश जी की सूंड को बाई तरफ घुमा हुआ दर्शाया जाता है। तो कुछ में दाई ओर घुमा दर्शाया जाता है। गणेश जी की सभी मूर्तियां सीधी या उत्तर की ओर सूंड वाली होती हैं। मान्यता है कि गणेश जी की मूर्ति जब भी दक्षिण की ओर मुड़ी हुई बनाई जाती है। तो वह टूट जाती है। कहा जाता है  यदि संयोगवश आपको दक्षिणावर्ती मूर्ति मिल जाए और उसकी विधिवत उपासना की जाए तो अभिष्ट फल मिलते हैं। 

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दाई और बाई तरफ की सूंड में किस देवता का वास होता है

गणपति जी की बाईं सूंड में चंद्रमा का और दाईं सूंड में सूर्य का प्रभाव माना गया है। गणेश जी की सीधी सूंड तीन दिशाओं से दिखती है। जब सूंड दाईं ओर घूमी होती है तो इसे पिंगला स्वर और सूर्य से प्रभावित माना गया है। ऐसी प्रतिमा का पूजन विघ्न विनाश शत्रु पराजय विजय प्राप्ति उग्र तथा शक्ति प्रदर्शन जैसे कार्यों के लिए फलदायी मानी जाती है।
वहीं बाईं ओर मुड़ी सूंड वाली मूर्ति को इड़ा नाड़ी व चंद्र प्रभावित माना गया है। ऐसी मूर्ति की पूजा स्थायी कार्यों के लिए की जाती है। जैसे शिक्षा धन प्राप्ति व्यवसाय उन्नति संतान सुख विवाह सृजन और पारिवारिक खुशहाली। सीधी सूंड वाली मूर्ति का सुषुम्रा स्वर माना जाता है इनकी आराधना रिद्धि सिद्धि कुण्डलिनी जागरण मोक्ष समाधि आदि के लिए सर्वोत्तम मानी गई है। संत समाज ऐसी मूर्ति की ही आराधना करता है। सिद्धि विनायक मंदिर में दाईं ओर सूंड वाली मूर्ति स्थापित है। इसीलिए इस मंदिर की आस्था और आय आज शिखर पर है।

घर मर दाई तरफ सूंड वाले गणेश स्थापित करें

कुछ विद्वानों का मानना है कि दाई ओर घुमी सूंड के गणेशजी शुभ होते हैं तो कुछ का मानना है कि बाई ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी शुभ फल प्रदान करते हैं। हालांकि कुछ विद्वान दोनों ही प्रकार की सूंड वाले गणेशजी का अलग अलग महत्व बताते हैं। यदि गणेशजी की स्थापना घर में करनी हो तो दाई ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी शुभ होते हैं। दाई ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी सिद्धिविनायक कहलाते हैं। ऎसी मान्यता है कि इनके दर्शन से हर कार्य सिद्ध हो जाता है। किसी भी विशेष कार्य के लिए कहीं जाते समय यदि इनके दर्शन करें तो वह कार्य सफल होता है। यह शुभ फल प्रदान करता है। इससे घर में पॉजीटिव एनर्जी रहती है व वास्तु दोषों का नाश होता है।

घर के मुख्य द्वार पर बाई तरफ की सूंड वाले गणेश स्थापित करें

घर के मुख्य द्वार पर भी गणेशजी की मूर्ति या तस्वीर लगाना शुभ होता है। यहां बाई ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी की स्थापना करना चाहिए। बाई ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी विघ्न विनाशक कहलाते हैं। इन्हें घर में मुख्य द्वार पर लगाने के पीछे तर्क है कि जब हम कहीं बाहर जाते हैं। तो कई प्रकार की बलाएं विपदाएं या नेगेटिव एनर्जी हमारे साथ आ जाती है। घर में प्रवेश करने से पहले जब हम विघ्न विनाशक गणेशजी के दर्शन करते हैं। तब इसके प्रभाव से यह सभी नेगेटिव एनर्जी वहीं रूक जाती है। व हमारे साथ घर में प्रवेश नहीं कर पाती है। अगर आप अपने ऑफिस या काम करने की जगह पर गणेश जी की मूर्ति रखना चाहते हैं। तो हमेशा ध्यान रहे कि ये भगवान गणेश की मूर्ति बैठी हुई मुद्रा में ना हों। बैठे हुए गणेश जी की सही जगह आपके घर में है। इससे घर में सुख समृद्धि आती है। गाय के गोबर से बने गणेश जी काफी शुभ माने जाते हैं। इन्हें घर में रखने से घर में दुख कभी नहीं आता।

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