Sri Suktam Path: धन-धान्य से भरा रहेगा आपका आशियाना, हर शाम करें इस श्री सूक्त का पाठ

How to recite Shri Sukta: धन की देवी महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए व्यक्ति विशेष प्रकार की पूजा पाठ व व्रत रखता है। ऐसी मान्यता है कि माता लक्ष्मी के श्री सूक्त पाठ करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।

Maa Lakshmi
Maa Lakshmi mantra  |  तस्वीर साभार: Instagram
मुख्य बातें
  • माता लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है
  • वैभव लक्ष्मी का व्रत करने से जीवन में कभी भी धन धान्य की कमी नहीं होती है
  • पूजा पाठ के अलावा कई तरह के उपाय भी हैं जिसे करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा मिलती है

Benefits Of Sri Suktam Path: हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन, वैभव और सुख समृद्धि की देवी कहा जाता है। मान्यता है कि मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा करने पर विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में वैभव लक्ष्मी का व्रत का भी विशेष महत्व है। जीवन में धन धान्य की कमी न हो इसके लिए व्यक्ति मां लक्ष्मी जी की पूजा पाठ के अलावा कई उपाय करता है।  जिसे करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा मिलती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मां लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए पूजा पाठ के साथ हर दिन शाम को मां लक्ष्मी का श्री सूक्त पाठ करना चाहिए। मां लक्ष्मी का सूक्त पाठ का विशेष महत्व है। इस पाठ को करने से व्यक्ति के जीवन से सारी परेशानियां दूर हो जाती है। आइए जानते हैं इस पाठ को करने की विधि और लाभ के बारे में।

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श्री सूक्त का पाठ

ओम हिरण्यवर्णां हरिणीं, सुवर्ण-रजत-स्त्रजाम्,
चन्द्रां हिरण्यमयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आवह।।
तां म आवह जात वेदो, लक्ष्मीमनप-गामिनीम्,
यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गामश्वं पुरूषानहम्।।
अश्वपूर्वां रथ-मध्यां, हस्ति-नाद-प्रमोदिनीम्,
श्रियं देवीमुपह्वये, श्रीर्मा देवी जुषताम्।।
कांसोऽस्मि तां हिरण्य-प्राकारामार्द्रा ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीं,
पद्मे स्थितां पद्म-वर्णां तामिहोपह्वये श्रियम्।।
चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देव-जुष्टामुदाराम्,
तां पद्म-नेमिं शरणमहं प्रपद्ये अलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणोमि।।
आदित्य वर्णे तपसोऽधिजातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽक्ष बिल्वः,
तस्य फलानि तपसा नुदन्तु मायान्तरायाश्च बाह्या अलक्ष्मीः।।
उपैतु मां दैव सखः, कीर्तिश्च मणिना सह,
प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन्, कीर्तिं वृद्धिं ददातु मे।।
क्षुत्-पिपासाऽमला ज्येष्ठा, अलक्ष्मीर्नाशयाम्यहम्,
अभूतिमसमृद्धिं च, सर्वान् निर्णुद मे गृहात्।।
गन्ध-द्वारां दुराधर्षां, नित्य-पुष्टां करीषिणीम्,
ईश्वरीं सर्व-भूतानां, तामिहोपह्वये श्रियम्।।
मनसः काममाकूतिं, वाचः सत्यमशीमहि,
पशूनां रूपमन्नस्य, मयि श्रीः श्रयतां यशः।।
कर्दमेन प्रजा-भूता, मयि सम्भ्रम-कर्दम,
श्रियं वासय मे कुले, मातरं पद्म-मालिनीम।।
आपः सृजन्तु स्निग्धानि, चिक्लीत वस मे गृहे,
निच देवी मातरं श्रियं वासय मे कुले।।
आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं, सुवर्णां हेम-मालिनीम्,
सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो ममावह।।
आर्द्रां यः करिणीं यष्टिं, पिंगलां पद्म-मालिनीम्,
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो ममावह।।
तां म आवह जात-वेदो लक्ष्मीमनप-गामिनीम्,
यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावो दास्योऽश्वान् विन्देयं पुरूषानहम्।।
यः शुचिः प्रयतो भूत्वा, जुहुयादाज्यमन्वहम्,
श्रियः पंच-दशर्चं च, श्री-कामः सततं जपेत्।।

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होता है विशेष लाभ
ऐसी मान्यता है कि देवी मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए हर शाम नियमित रूप से पूजा के दौरान श्री मां लक्ष्मी सूक्त पाठ करना चाहिए। इसे विशेष लाभ मिलता है। घर में सुख समृद्धि आती है व व्यक्ति सभी आर्थिक संकटों से छुटकारा पा लेता है।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
 

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