'कोरोना' कहां से आया सवाल पर आपस में उलझे चीन अमेरिका, Covid-19 को लेकर ट्रंप को नहीं चीन पर भरोसा 

दुनिया
रवि वैश्य
Updated Apr 02, 2020 | 17:35 IST

कोरोना की मार से दुनिया के तमाम मुल्क जूझ रहे हैं वहीं अब सवाल ये भी उठ रहे हैं कि चीन ने कोविड-19 को लेकर दुनिया से बहुत कुछ छिपाया है जिसकी मार विश्न भुगत रहा है। 

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कोरोना का नया सेंटर अब अमेरिका बनता नजर आ रहा है। 

कोरोना नामक महामारी इस समय विश्व के कई देशों में काल बनकर उभरी है और इसकी चपेट में कई देश आ चुके हैं विकसित कहे जाने वाले देशों में इसने ऐसा कहर ढहाया है कि वहां की सरकारों को सूझ नहीं रहा है कि कैसे इससे उबर पायेंगे। आंकडों के मुताबिक कोरोना संक्रमण के कारण दुनियाभर में 43 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 8.7 लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित हैं।

कोरोना का नया सेंटर अब अमेरिका बनता नजर आ रहा है। अमेरिका में इस घातक संक्रमण से अब तक 4 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 1.8 लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हैं। यहां सबसे अधिक प्रभावित न्‍यूयार्क हुआ है, जहां सबसे अधिक मौतें हुई हैं। जॉन हॉपकिंस के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में मौतों का जो आंकड़ा है, उनमें से 40 प्रतिशत से अधिक मौतें न्यूयार्क में हुई हैं।

कोरोना वायरस आखिर आया कहां से?
महामारी बना कोरोना का पहला केस सितंबर 2019 में चीन में सामने आया था, वहीं अब तमाम दुनिया के देश जानना चाहते हैं कि कोरोना वायरस आखिर आया कहां से? इस सवाल के पीछे वजह भी वाजिब है क्योंकि तमाम देश चीन को भरोसेमंद नहीं मानते हैं।

उनका कहना है कि चीन किसी भी हद तक जा सकता है, शायद यही वजह है कि अमेरिका जो अब इससे बुरी तरह से पीड़ित है उसने इसे लेकर चीन पर सवाल उठाए हैं और चीन और अमेरिका में बयानों का घमासान तेज हो गया है।

कोरोना पर बढ़ रहे अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच चीन का सफाई सामने आई है, भारत स्थित चीन दूतावास की प्रवक्ता ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा लगाए जा रहे आरोप का खंडन किया है। चीन ने भी कहा है  कि उसके यहां कई कोरोना संक्रमितों के ऐसे मामले रहे, जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं दिखाई दिए।

अमेरिका को नहीं है चीन के दावों पर भरोसा
वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस पर चीन के आधिकारिक आंकडों पर संदेह जताया है। ट्रंप ने कहा, 'हमें कैसे पता चलेगा कि आंकड़े सटीक हैं। संख्या कम प्रतीत होती है।' हालांकि उन्होंने कहा कि चीन के साथ अमेरिका के संबंध अच्छे हैं और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ उनसे निकट संबंध हैं।

रिपब्लिकन सांसदों ने ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए नाराजगी जताई थी कि बीजिंग ने वुहान से शुरू हुए संक्रमण और उससे होने वाली मौतों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह किया। ब्लूमबर्ग ने यह रिपोर्ट अमेरिकी खुफिया विभाग के हवाले से प्रकाशित की है।

कोरोना से अमेरिका में मचा है हाहाकार, हर 2.9 मिनट में गई एक जान
जॉन्स हॉप्किन्स विश्वविद्यालय के अनुसार चीन ने बुधवार तक संक्रमण के कुल 82,361 मामले और 3,316 लोगों की मौत के आंकडें जारी किए थे। रिपब्लिकन सांसद बेन सासे ने चीन के इन आंकडों को बकवास बताया है।

उन्होंने कहा कि चीन की तुलना में अमेरिका में संक्रमण से ज्यादा मौतें होने का दावा गलत है। इसी रिपोर्ट पर प्रतिनिधि सभा में विदेश मामलों की समिति में शीर्ष रिपब्लिक सांसद माइकल मैकॉल ने कहा कि ‘कोविड-19के खिलाफ लड़ाई में चीन भरोसेमंद सहयोगी नहीं है। कई सांसदों ने विदेश मंत्रालय से इस मामले की जांच कराने की मांग की है।

अमेरिका में कोरोना वायरस से अब तक 4,059 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 188,647 लोग इससे संक्रमित हैं। यहां कोरोना वायरस के कारण जो तबाही मची हुई है, उसे 9/11 के आतंकी हमलों से भी भयावह माना जा रहा है, जिसमें 3,000 लोगों की मौत हुई थी।


 

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