एजाज लकड़ावाला : जरायम की दुनिया में बचपन में रख दिया था कदम, स्कूल टीचर पर किया हमला 

Azaz Lakdawala : स्कूल के दिनों में एजाज लकड़ावाला ने अपने अध्यापक पर हमला किया और इसके बाद वह अपने आस-पास चोरी की घटनाओं को अंजाम देने लगा।फिर आगे चलकर वह डी-कंपनी से जुड़ गया। 

Who is Azaz Lakdawala know how D-company gangster nabbed by mumbai police, एजाज लकड़ावाला : जरायम की दुनिया में बचपन में रख दिया था कदम, स्कूल टीचर पर किया हमला
Azaz Lakdawala : डी-कंपनी का गुर्गा लकड़ावाला गिरफ्तार हुआ।  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • लंबे समय से पुलिस से छिपता फिर रहा था एजाज लकड़ावाला
  • बेटी की गिरफ्तारी के बाद लकड़ावाला के लोकेशन के बारे में पता चला
  • मुंबई पुलिस ने बिहार पुलिस की सहयोग से पटना से की गिरफ्तारी

नई दिल्ली : अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का करीबी और डी-कंपनी का गुर्गा एजाज लकड़ावाला आखिरकार मुंबई पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस को उसकी लंबे समय से तलाश थी लेकिन पुलिस की पकड़ में आने से बचने के लिए वह लगातार विदेशों में छिपता फिर रहा था। लकड़ावाला के खिलाफ मुंबई में दर्जन भर से ज्यादा आपराधिक मामले हैं। वह अपने फोन कॉल्स से लोगों को डरा-धमकाकर फिरौती की रकम वसूलता था। अपराध की दुनिया में लकड़ावाला अचानक से नहीं आया बल्कि जरायम की दुनिया से उसका नाता बचपन से ही जुड़ गया। स्कूल के दिनों में उसने अपने अध्यापक पर हमला किया और अपने आस-पास चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया। फिर आगे चलकर वह डी-कंपनी से जुड़ गया। 

स्कूल में टीचर पर किया हमला
लकड़ावाला में आपराधिक मानसिकता बचपन से ही थी। जब वह स्कूल में था तभी उसने अपने टीचर पर हमला किया। इस मामले में उसके खिलाफ केस भी दर्ज हुआ। धीरे-धीरे लकड़ावाला अपराध की दुनिया में उतरता चला गया। इसकी शुरुआत उसने अपने आस-पास से की। शुरू में उसने घर के आस-पास लोगों के कीमती सामान चुराए और फिर स्थानीय स्तर पर लड़ाई-झगड़ों में शामिल होने लगा।

डी-कंपनी की नजर में आया
लकड़ावाला की आपराधिक गतिविधियां उसे डी-कंपनी की नजर में लाईं और वह डी-कंपनी का सदस्य बन गया। साल 1997 में एक आपराधिक मामले में उसे नासिक जेल जाना पड़ा। जेल में कुछ दिन रहने के बाद वह मेडिकल जांच के बहाने बाहर निकला और फिर पुलिस हिरासत से भाग गया। 

सात से आठ देशों में छिपता फिर रहा था 
इंटरपोल और पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए लकड़ावाला बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहा था। इसके चलते पुलिस को उस पर निगरानी रखने में मुश्किल हो रही थी। बताया जाता है कि वह इंटरपोल से बचने के लिए सात से आठ देशों में अलग-अलग नामों से छिप रहा था। इन देशों से वह मुंबई में लोगों से फिरौती के लिए कॉल करता था। इन कॉल्स के आधार पर मुंबई पुलिस उसका लोकेशन का पता लगाती थी।

भाई की गिरफ्तारी से मिले अहम सुराग
लकड़ावाला के बारे में मुंबई पुलिस को बड़ी सफलता 2019 में मिली। मुंबई पुलिस ने उसके भाई को हाजी अली से गिफ्तार किया। इस गिरफ्तारी के बाद पुलिस को लकड़ावाला के परिवार की पृष्ठभूमि के बारे में पता चला। इसके बाद पुलिस ने उसकी बेटी पर निगरानी शुरू कर दी और अपना शिकंजा उसके ईर्द-गिर्द कसना शुरू कर दिया।

तड़के तीन से चार बजे करता था फोन
फरार होने के बाद लकड़ावाला अपने परिवार से तड़के तीन से चार बजे के करीब फोन पर बातचीत करता था। इससे उसकी निगरानी में लगी एजेंसियों को लगा कि वह विदेश में रहते हुए अपने परिवार के साथ संपर्क स्थापित करता है लेकिन कुछ समय बाद वह दोपहर एवं शाम के समय अपने परिजनों से बातचीत करने लगा। इससे एजेंसियों को आशंका हुई है कि वह या तो भारत में है या किसी पड़ोसी देश में। साल 2006 में उसकी पत्नी उमा थडानी उर्फ रेखा अडानी एवं उसके बेटे के खिलाफ फर्जी पासपोर्ट का केस दर्ज हुआ।

बेटी की सीडीआर से लोकेशन की पता चली
लकड़ावाला की बेटी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को उसके लोकेशन के बारे में पता चला। पुलिस ने उसकी बेटी को गिरफ्तार करने के बाद उसकी कॉल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) खंगाली तो उसके लोकेशन एवं ठिकानों के बारे में पता चला। पुलिस को यह भी पता चला कि वह देश छोड़कर भागने वाला है। यह जानकारी होने के बाद मुंबई पुलिस ने बिहार पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त कार्रवाई की और उसे पटना से गिरफ्तार किया।   

अगली खबर