Raj Babbar:राज बब्बर को दो साल की सजा, MP-MLA कोर्ट ने सुनाया फैसला,मतदानकर्मी की पिटाई का आरोप

Raj Babbar News: कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर को दो साल की सजा सुनाई गई है उनके खिलाफ मतदान केंद्र में घुसकर मतदान प्रभावित करने और पोलिंग एजेंट से दुर्व्यवहार मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

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राज बब्बर को दो साल की सजा 

नई दिल्ली: लखनऊ की एमपी/ एमएलए अदालत (MP-MLA court) ने बॉलीवुड अभिनेता और कांग्रेस नेता राज बब्बर (Raj Babbar) को 1996 के चुनाव में एक मतदान अधिकारी के साथ मारपीट करने के मामले में बृहस्पतिवार को दोषी करार देते हुए दो साल कैद की सजा सुनाई।एमपी/एमएलए (सांसद/विधायक) अदालत के विशेष अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने राज बब्बर को दो वर्ष कारावास और 6500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। इस मामले में राज बब्बर के साथ आरोपी रहे अरविंद सिंह यादव की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई थी।

बाद में, अदालत ने फैसले के खिलाफ अपील दायर करने का अवसर प्रदान करते हुए राज बब्बर को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया। उल्लेखनीय है कि मतदान अधिकारी श्रीकृष्ण सिंह राणा ने दो मई 1996 को वजीरगंज थाने में राज बब्बर व अरविन्द सिंह यादव के अलावा अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

'फर्जी मतदान का झूठा आरोप लगाने लगे'

उन्होंने शिकायत की थी कि मतदान केंद्र संख्या 192/103 के बूथ संख्या 192 पर जब मतदाताओं का आना बंद हो गया तब वादी मतदान केंद्र से बाहर निकलकर खाना खाने जा रहा था। इसी दौरान लखनऊ में समाजवादी पार्टी के तत्कालीन लोकसभा उम्मीदवार राज बब्बर अपने साथियों को लेकर मतदान केंद्र में आए व फर्जी मतदान का झूठा आरोप लगाने लगे।

आरोप है कि राज बब्बर व उनके साथियों ने वादी व शिव कुमार सिंह को मारा पीटा

आरोप है कि राज बब्बर व उनके साथियों ने वादी व शिव कुमार सिंह को मारा पीटा। इसी बीच मतदान केंद्र के बूथ संख्या 191 में नियुक्त मतदान अधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव के अलावा वीके शुक्ला तथा पुलिस वालों ने उन्हें बचाया। पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद विवेचना की और राज बब्बर व अरविंद यादव के खिलाफ साक्ष्य पाते हुए 23 सितम्बर 1996 को अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया।

सात मार्च 2020 को राज बब्बर के खिलाफ आरोप तय किये गए

आरोपपत्र पर संज्ञान लेकर अदालत ने आरोपियों को तलब किया। सात मार्च 2020 को राज बब्बर के खिलाफ आरोप तय किये गए। अभियोजन ने वादी श्रीकृष्ण सिंह राणा, शिव कुमार सिंह, मनोज श्रीवास्तव, चंद्र दास साहू के अलावा डॉ. एम.एस. कालरा को बतौर गवाह अदालत में पेश किया। फैसला सुनाए जाने के वक्त राज बब्बर अदालत में मौजूद थे।

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